सार

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल भाजपा में शामिल होने वाली हैं। उनके भाई और सांसद के मुरलीधरन ने कहा है कि अब वह पद्मजा को बहन नहीं मानते।

कोझिकोड। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले केरल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है। वह भाजपा में शामिल होने वाली हैं। पद्मजा केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) की महासचिव हैं।

पद्मजा वेणुगोपाल के इस फैसले से कांग्रेस नेता, सांसद और उनके भाई के मुरलीधरन बेहद नाराज हैं। उन्होंने बहन के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के फैसले पर निराशा जताई है। मुरलीधरन ने कहा कि यह धोखा है। उन्होंने कहा है कि अब वह पद्मजा वेणुगोपाल को अपनी बहन नहीं मानते। पद्मजा ने कांग्रेस छोड़ने की वजह उपेक्षा बताया है। इसका खंडन करते हुए मुरलीधरन ने कहा कि पद्मजा को पार्टी ने हमेशा उचित तवज्जो दी। वह झूठ बोल रहीं हैं।

भाजपा में शामिल होंगी पद्मजा

पद्मजा आज भाजपा में शामिल हो सकती हैं। दिल्ली में इस संबंध में भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी बात हुई है। के मुरलीधरन ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा पद्मजा को जिताऊ सीटों पर उतारा है। मुरलीधरन ने कहा, "क्या मैंने वट्टियूरकावु में चुनाव नहीं लड़ा और जीता? क्या मैं वडकारा में नहीं जीता?"

मुरलीधरन ने कहा कि पद्मजा को शामिल करने के बाद भी भाजपा को फायदा नहीं होने वाला है। भाजपा मुकुंदपुरम में तीसरे स्थान पर आ जाएगी। यह याद रखना चाहिए था कि जब करुणाकरण को चिता पर ले जाया गया तो उन्हें झंडे से ढक दिया गया था। मुझे पार्टी में बहुत परेशानी हुई, फिर भी मैं भाजपा में शामिल नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें- "सनातन राष्ट्र को कलंकित, जिहादियों को पुरस्कृत कर रहे कांग्रेसी, क्या ए राजा की जहर भरी भाषा से सहमत हैं सोनिया गांधी?"

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हुई थी पद्मजा की हार

बता दें कि पद्मजा वेणुगोपाल को पिछले दो विधानसभा चुनावों में त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र और मुकुंदपुरम से 2004 के लोकसभा चुनाव में लगातार हार का सामना करना पड़ा था। इसके चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ने और दूसरी पार्टी में जाने का फैसला किया है। कांग्रेस नेतृत्व द्वारा के. करुणाकरण के स्मारक के निर्माण में देरी किए जाने से भी उन्हें निराशा हुई है। इससे पहले दिग्गज कांग्रेसी नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हुए थे।

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: बढ़ने जा रही NDA की ताकत, 15 साल बाद फिर मिलेगा BJD का साथ