सार
IAS ऑफिसर गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल नियुक्त किये गए हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। और अब वहां राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होंगे। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान को खत्म करने के बाद सूबे में उत्पन्न परिस्थियों के मद्देनजर मुर्मू की नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं मुर्मू के बारे में जिनपर सरकार ने इतना भरोसा जताया है।
नई दिल्ली. IAS ऑफिसर गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल नियुक्त किये गए हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। और अब वहां राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होंगे। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान को खत्म करने के बाद सूबे में उत्पन्न परिस्थियों के मद्देनजर मुर्मू की नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं मुर्मू के बारे में जिनपर सरकार ने इतना भरोसा जताया है।
पीएम मोदी और शाह के विश्वासपात्र हैं मुर्मू
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (IAS) गिरीश चंद्र इस समय वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रटरी हैं। मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र हैं। तीनों का साथ काफी पुराना है। 1985 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी मुर्मू काफी तेज तर्रार अधिकारी हैं। वह मोदी के साथ तब से काम करते रहे हैं जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2004 में वह मोदी की टीम से जुड़े। मुर्मू की काबिलियत को देखते हुए उन्हें दोहरी भूमिका दी गई थी वह मोदी के सेक्रटरी के साथ ही गृह विभाग के सेक्रटरी भी थे। वह राज्य के प्रिंसिपल सेंक्रेटरी भी रहे हैं।
पीएम मोदी और मुर्मू के बीच बेहतरीन केमेस्ट्री
ऐसा कहा जाता है कि पीएम मोदी के साथ मुर्मू की केमेस्ट्री बेहतरीन है। दोनों एक-दूसरे की कार्यशैली को पसंद करते हैं। 2014 में जब मोदी केंद्र में आए तो मुर्मू को भी दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी दी गई। 2015 में मुर्मू प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर नियुक्त किए गए। इसके बाद उन्हें वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रटरी बनाया गया। मूर्मू नवंबर में रिटायर होने जा रहे हैं।
गिरीश मुर्मू का जन्म ओडिशा में में हुआ था। उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए किया है। उन्होंने बर्मिंगम यूनिवर्सिटी (ब्रिटेन) से एमबीए की डिग्री भी ली है। इसके बाद सिविल सर्विसेज में आए। जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल नियुक्त किए गए मुर्मू की यह एक बड़ी परीक्षा होगी। उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उत्पन्न हालात को संभालते हुए राज्य में सभी को विश्वास में लेना होगा। राज्य में सामान्य होते हालात को बेहतर करते हुए उन्हें विधानसभा चुनाव और नए सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करना होगा। आतंकवाद से जूझ रहे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर भी उन्हें काफी फोकस करना होगा।