सार
नेशनल न्यूज। कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस में सीबीआई की जांच तेजी से चल रही है। रविवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर छापेमारी की। टीम ने इसके साथ ही फोरेंसिक मेडिसिन के डेमोस्ट्रेटर के ठिकाने पर भी रेड डाली है। हॉस्पिटल में फैले भ्रष्टाचार में दोनों की स्थिति संदिग्ध पाई जाने पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। मेडिकल कॉलेज में फैले भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता को लेकर कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल से दो दिन लगातार पूछताछ भी की थी।
14 ठिकानों पर की गई छापेमारी
कोलकाता केस में सीबीआई ने डॉ. संदीप घोष समेत उनके करीबियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। कोलकाता केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने उनपर हत्या के साथ वित्तीय अनियमितता का भी मामला दर्ज किया है। कोलकाता में हुई घटना के बाद अस्पताल में फैली अराजकता और धांधली को लेकर भी सीबीआई की टीम पूछताछ और जांच कर रही है।
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संदीप घोष ने देर से क्यों खोला दरवाजा
सीबीआई की टीम रविवार को सुबह संदीप घोष के घर पहुंची तो उसे काफी देर तक गेट के बाहर ही इंतजार करना पड़ा। टीम घोष के घर छापेमारी के लिए सुबह 6.45 बजे पहुंच गई थी, लेकिन दरवाजा करीब 8 बजे के आसपास खोला गया। पूर्व प्रिंसिपल ने ऐसा क्यों किया होगा? कहीं वह कोलकाता हॉरर केस या भ्रष्टाचार से जुड़े सबूतों को छिपा तो नहीं रहे थे। हांलाकि टीम ने घर में घुसने के साथ ही छानबीन शुरू कर दी थी।
इनके घर भी पहुंची सीबीआई टीम
सीबीआई की टीम केवल संदीप घोष के घर ही नहीं बेलेघाटा में राज्य के फोरेंसिक डिपार्टमेंट में कार्यरत देबाशीष सोम के घर की तलाशी ली। इसके साथ ही हावड़ा में पूर्व अस्पताल के अधीक्षक संजय वशिष्ठ और मेडिकल सप्लायर बिपल सिंह के घर भी छापेमारी की।