सार
लता दीदी ने छोटी सी उम्र में मंच पर गायन शुरू कर दिया था। आपको जानकर बेहद हैरानी हो सकती है उन्हें पहली बार मंच पर गाने के लिए मजह 25 रुपए मिले थे। इस 25 रुपए की की कमाई को ही वह अपनी पहली कमाई मानती हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क। भारतरत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने 92 साल की उम्र में देवलोक प्रस्थान किया है। बसंच पंचमी के वैसे तो मां सरस्वती का जन्मदिवस होता है, लेकिन इसके एक दिन बाद भारत देश की सरस्वती कही जाने वाली लता दीदी ने इस नश्वर संसार को अलविदा कह दिया है। उनका जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ था। लता का नाम पहले हेमा था। हालांकि, जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम लता रख दिया था। लताजी ने 36 से ज्यादा भाषाओं में करीब 30 हजार से ज्यादा गानों में अपनी सुरीली आवाज दी थी।
ये भी पढ़ें- Lata Mangeshkar की बचपन से लेकर जवानी तक की देखें अनदेखी तस्वीरें, जो बेशकीमती यादों से है
छोटी सी उम्र में मंच पर शुरू कर दिया गायन
लता दीदी ने छोटी सी उम्र में मंच पर गायन शुरू कर दिया था। आपको जानकर बेहद हैरानी हो सकती है उन्हें पहली बार मंच पर गाने के लिए मजह 25 रुपए मिले थे। हालांकि उस दौर में वो रकम भी महीने कुछ दिन के गुजारे के लिए बहुत होती थी। इस 25 रुपए की की कमाई को ही वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। उन्होंने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल के लिए गाना गाया था।
ये भी पढ़ें- Aishwarya Rai संग सरस्वती पूजा करती नजर आई Aaradhya Bachchan, खुले बाल और पीला
लोगों को मां सरस्वती की दिखती थी झलक
लता जी के शुरुआती दौर में बहुत से लोगों ने उनकी आवाज को पतली और बेअसर बताकर खारिज कर दिया था। लता की आवाज को पतली बताने वाले पहले इंसान थे फिल्मकार एस मुखर्जी। तमाम आलोचनाओं के बीच लताजी ने कभी हार नहीं मानी, वे अपने सुर के अलावा धुन की भी पक्की थीं, उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लिया और संगीत जगत को ऐसा स्वर दिया किया लोगों को धरती पर ही मां सरस्वती की झलक देखने को मिल गई।
ये भी पढ़ें- Puja Banerjee Birthday: 15 साल की उम्र में घर छोड़कर भाग गई थी पूजा बनर्जी, जानें कैसे पहुंची इस मुकाम तक