सार

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश के विभिन्न हाईकोर्ट में छह साल में नियुक्त हुए 661 जजों के जातिगत कैटेगरी के बारे में राज्यसभा में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 661 जजों में एससी वर्ग से 21 जज नियुक्त किए गए हैं।

Parliament Budget session: राज्यसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि छह सालों में हाईकोर्ट्स में 661 जजों की नियुक्ति सरकार ने की है। नियुक्त किए गए जजों में 3.17 प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं तो 1.81 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के हैं। ओबीसी कैटेगरी के 11.80 प्रतिशत जजों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि जनरल कैटेगरी से 75.49 प्रतिशत जज नियुक्त किए गए हैं। कानून मंत्री ने बताया कि नियुक्ति का यह आंकड़ा 2018 से 22 जुलाई 2024 तक का है। उन्होंने यह भी बताया कि 2016 के बाद से हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों के वेतन, पेंशन व अन्य भत्तों में वृद्धि नहीं किया गया है। सरकार अभी वेतन या किसी अन्य मद में वृद्धि का सोच भी नहीं रही है।

छह साल में 661 जज हुए हाईकोर्ट्स में नियुक्त

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 2018 से 22 जुलाई 2024 तक 661 हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति की गई है। इन जजों में 21 एससी श्रेणी के हैं जबकि 12 एसटी श्रेणी के हैं। ओबीसी श्रेणी से 78 जजों को नियुक्त किया गया है, सामान्य श्रेणी के 499 जज नियुक्ति पाए हैं। यानी एससी कैटेगरी के करीब 3.17 प्रतिशत तो एसटी कैटेगरी क 1.81 प्रतिशत जज नियुक्ति पाए हैं। जनरल कैटेगरी से 75.49 प्रतिशत तो ओबीसी 11.80 प्रतिशत हैं। हालांकि, कानून मंत्री ने यह भी बताया कि संविधान में जजों की नियुक्ति में किसी भी जाति या वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। लेकिन 2018 से हाईकोर्ट के जजों के पद के लिए अप्रूव्ड लोगों को सुप्रीम कोर्ट के एडवाइज से तैयार प्रोफार्मा पर सोशल बैकग्राउंड का डिटेल देना आवश्यक है।

दस साल में सुप्रीम कोर्ट में 62 जजों की नियुक्ति

कानून मंत्री मेघवाल ने एक अन्य प्रश्न में बताया कि मई 2014 से 22 जुलाई 2024 तक सुप्रीम कोर्ट में 62 जजों की नियुक्ति सरकार ने की है। हाईकोर्ट्स में जजों के सृजित पदों को बढ़ाया गया। अब यह संख्या 906 से 1114 हो गई है। 2014 से अबतक हाईकोर्ट्स में 976 जजों की नियुक्ति की गई है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स में भी न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि की गई है। 2014 में न्यायिक अधिकारियों की जिलों में 19518 पद थे लेकिन उसे बढ़ाकर 25523 कर दी गई है।

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