सार
केरल में भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार डॉ. अब्दुल सलाम को चुनाव प्रचार के दौरान 'हराम' तक कहा जा रहा है। उन्होंने अपने कड़वे अनुभव बताए हैं।
कोच्चि। डॉ. अब्दुल सलाम केरल में भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं। पार्टी ने उन्हें मलप्पुरम लोकसभा सीट से टिकट दिया है। इस क्षेत्र में 68.3% से अधिक मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं। यहां से चुनाव लड़ना अब्दुल सलाम के लिए दुःस्वप्न साबित हो रहा है। लोग उन्हें 'हराम' की गाली तक देते हैं।
पुलिक्कल के पास एक दूरदराज के गांव में मतदाताओं के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने मलप्पुरम शहर के मदीन मस्जिद में ईद की नमाज में के बाद के अपने कड़वे अनुभव सुनाए। उन्होंने कहा, "नमाज के बाद मैं मस्जिद के बाहर आया। मैं लोगों को ईद की शुभकामनाएं दे रहा था। इसी दौरान एक करीब 60 साल के व्यक्ति ने मेरा अपमान किया। मुझे गद्दार कहा। मेरे आसपास मौजूद लोग चुप थे। मेरा दिल टूट गया। मैं भी मुस्लिम हूं, लेकिन वे मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं क्योंकि मैंने भाजपा ज्वाइन किया है।"
कालीकट यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी हैं अब्दुल सलाम
अब्दुल सलाम कालीकट यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी हैं। सलाम ने बताया कि उन्हें अपने समुदाय के साथ ही मलप्पुरम में अपनी पार्टी की अव्यवस्थित मशीनरी से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि इन चुनौतियों के बाद भी वह हार नहीं मानने वाले हैं। वह पीएम नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में आए हैं। वह अपने भाषणों में एनडीए सरकार द्वारा किए जा रहे विकास की बात करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
केरल पर ध्यान दे रही भाजपा
गौरतलब है कि केरल में भाजपा की स्थिति पहले से मजबूत नहीं रही है। केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में यहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने केरल पर अधिक फोकस किया है। पार्टी की कोशिश यहां अपनी मौजूदगी दिखाने की है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा की कोशिश दक्षिण भारत के राज्यों में अपने सीट बढ़ाने की है। इसके लिए पार्टी केरल और तमिलनाडु पर अधिक ध्यान दे रही है।