सार

1 सितंबर से कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर रहीं। यह लेख एलपीजी की कीमतें कैसे तय होती हैं और भारत में इनके बढ़ने के कारणों पर प्रकाश डालता है।

नेशनल न्यूज। एलपीजी सिलेंडर आज से महंगे हो गए हैं। 1 सितंबर यानी रविवार सुबह 6 बजे के बाद से अब यह बढ़ी हुई कीमतों पर मिलेंगे। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी की कीमतों में इजाफा कर आम आदमी को फिर झटका दे दिया है। इस बार भी कॉमर्शियल गैस के दाम में ही बढ़ोतरी हुई है, जबकि घरेलू गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इंडियन ऑयल कंपनी की वेबसाइट पर बढ़ी कीमतों की सूचना जारी कर दी गई है। भारत में गैस के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आखिर कौन तय करता है एलपीजी की कीमतें और भारत में कैसे बढ़ती है कीमत? जानें

ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर माह करती है बदलाव
एलपीजी सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी से हर व्यक्ति सीधे तौर पर प्रभावित होता है। भारत में हर महीने गैस की कीमतें ऑयल मार्केटिंग कंपनियां संशोधित करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के आधार पर ही देश में एलपीजी गैस के रेट तय किए जाते हैं। इंटरनेशनल मार्केट में एलपीजी के दाम तय होने के बाद भारत में डीलर का कमिशन, जीएसटी समेत अन्य चीजें जुड़ने के बद आम आदमी के खरीद वाला मूल्य तय होता है। वह भी राज्यों में अलग-अलग होता है।

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महानगरों में क्या हुई एलपीजी की कीमत
अंतरराष्ट्रीय स्तर एलपीजी के दाम तय होने के बाद भारत में इसकी कीमत राज्यों में अलग-अलग तय होती है। महानगरों की बात करें तो दिल्ली में एलपीजी गैस 39 रुपये महंगी होने के साथ 1652.50 रुपये की हो गई है। कोलकाता में 38 रुपये की बढ़ोतरी के साथ कीमत 1802.50 हो गई है। मुंबई में कीमत 1644 रुपये है जबकि चेन्नई में कामर्शियल गैस का दाम 38 रुयये बढ़कर 1855 रुपये हो गया है।