सार
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने कहा कि भारत की गरिमा को चुनौती दी गई है। भारत इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरे देश प्रधानमंत्री के साथ एकजुट है।
Maldivian row: पीएम नरेंद्र मोदी की मालदीव के मंत्रियों द्वारा टिप्पणी किए जाने की आलोचना पूरे देश में की जा रही है। लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने कहा कि भारत की गरिमा को चुनौती दी गई है। भारत इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरे देश प्रधानमंत्री के साथ एकजुट है।
अपमान बर्दाश्त नहीं...
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने कहा कि भारत इस तरह का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरे देश ने प्रधानमंत्री के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और लक्षद्वीप के साथ खड़े होने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। पटेल ने मालदीव से सार्वजनिक माफी मांगने की बात को भी खारिज कर दिया और कहा कि टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को अनुशासित किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में सार्वजनिक माफी की बात नहीं करने जा रहे हैं। हमारे मूल्य अलग हैं। उन्हें ऐसी टिप्पणियां करने की जरूरत नहीं थी। प्रफुल्ल खोड़ा ने कहा कि अपने पीएम का कोई भी अपमान, भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। बॉलीवुड हस्तियों से लेकर क्रिकेटरों के साथ-साथ भारत के आम लोगों ने भी मालदीव को करारा जवाब दिया है।
कब और कैसे शुरू हुआ मालदीव का विरोध?
मुख्य विवाद तब शुरू हुआ जब मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद ने एक्स पर पीएम मोदी के बारे में पोस्ट किया। दरअसल, प्रधानमंत्री, लक्षद्वीप की यात्रा पर पहुंचे थे और वहां से उन्होंने कई फोटोज और वीडियोज पोस्ट किए। पीएम के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर मालदीव की जगह लक्षद्वीप को टूरिज्म विकल्प के रूप में ट्रेंड कराया जाने लगा। दरअसल, मालदीव का काफी राजस्व वहां से पर्यटन पर निर्भर है। यहां भारतीय पर्यटक सबसे अधिक पहुंचते हैं। विवाद बढ़ने के बाद भारतीय पर्यटक सबसे अधिक अपनी बुकिंग कैंसिल कराने लगे।
दरअसल, मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुने जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनने के साथ ही मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस जाने का आदेश दिया। माना जा रहा है कि मोहम्मद मुइज्जू, चीन समर्थक हैं और भारतीय सेना को रिप्लेस कर वह चीनी निर्भरता बढ़ाना चाहते हैं।
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