सार
लोकसभा चुनाव के पहले भी INDIA की मीटिंग में ममता बनर्जी ने प्रियंका गांधी को बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ उतरने का सुझाव दिया था।
Mamata to campaign in Wayanad: लोकसभा चुनाव के दौरान INDIA ब्लॉक के दलों कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के रिश्तों में आई खटास अब खत्म होती दिख रही है। वायनाड में होने जा रहे उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उतरने के लिए सहमति दे दी है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले भी INDIA की मीटिंग में ममता बनर्जी ने प्रियंका गांधी को बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ उतरने का सुझाव दिया था। अब अधीर रंजन चौधरी का मुद्दा सुलझ जाने के बाद कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध सुधरते दिख रहे हैं।
प्रियंका गांधी करने जा रहीं चुनावी आगाज
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो लोकसभा सीटों वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर राहुल गांधी ने साढ़े तीन लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर 3.6 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। वह यहां से दूसरी बार चुने गए हैं। रायबरेली सीट पर राहुल गांधी पहली बार जीते हैं। यह सीट सोनिया गांधी के राज्यसभा में चुने जाने के बाद खाली हुई थी। अब चूंकि, वह केवल एक सीट पर सांसद रह सकते हैं तो रायबरेली की सीट राहुल गांधी ने बरकरार रखी है। वायनाड सीट पर इस्तीफा दिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रियंका गांधी को उप चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। करीब दो दशक से राजनीति कर रही प्रियंका गांधी वायनाड से अब चुनावी राजनीति का आगाज करेंगी। प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार में उतरने की सहमति जता कर ममता बनर्जी ने भी गठबंधन के प्रमुख सदस्य कांग्रेस से रिश्ता मधुर करने की ओर इशारा किया है।
टीएमसी का कांग्रेस से रिश्ता सुधारने की एक वजह अधीर रंजन चौधरी का मुद्दा सुलझना भी है। चौधरी, टीएमसी पर सबसे अधिक मुखर थे। ममता बनर्जी और गांधी परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। चौधरी की मुख्यमंत्री पर तीखी और अक्सर व्यक्तिगत टिप्पणियां तृणमूल और कांग्रेस के बीच टकराव का कारण रही हैं। लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के ममता के फैसले के पीछे भी एक कारक के रूप में देखा गया। लेकिन इस बार वह बहरामपुर से चौधरी चुनाव हार गए हैं। इस हार के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे दिया है। उधर, अकेले लड़कर तृणमूल ने भाजपा की चुनौती का सामना किया और राज्य की 42 सीटों में से 29 पर जीत हासिल की।
संसद में एकजुटता दिखेगी...
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार 2014 के बाद से विपक्ष सबसे मजबूत स्थिति में है। इंडिया गठबंधन के दलों के एकसाथ रहने से लोकसभा में सरकार पर दबाव भी बना सकेंगे। लोकसभा में इंडिया के पास 232 सांसद हैं।
तीन आपराधिक कानूनों को रोकने और पेपर लीक पर इस बार हंगामा
नई लोकसभा शुरू होने पर विपक्ष ने सरकार द्वारा पास कराए गए तीन आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध करने का मन बनाया है। वह नए सत्र में इस पर पुन:चर्चा की मांग करने के लिए दबाव बनाएगा। देश में नीट और नेट परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर सरकार की विफलता पर भी सवाल उठाते हुए इस बार लोकसभा में घेरने की स्ट्रेटेजी पर एकजुटता दिखेगी।
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