सार
मणिपुर में ASP अमित सिंह के घर पर हुए हमले के खिलाफ मणिपुर पुलिस कमांडो ने हथियार डालकर विरोध प्रदर्शन किया है। 200 से अधिक हथियारबंद लोगों ने एएसपी के घर पर हमला किया था।
इंफाल। मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur Violence) की आग रह-रहकर भड़क रही है। पुलिस अधिकारी भी अपने घर में सुरक्षित नहीं हैं। मंगलवार को इंफाल ईस्ट में करीब 200 हथियारबंद लोगों ने एएसपी मोइरांगथेम अमित के घर पर हमला कर दिया। इस घटना के खिलाफ बुधवार को मणिपुर पुलिस कमांडो के जवानों ने प्रदर्शन किया। जवानों ने अपने हथियार जमीन पर डाल दिए।
एएसपी मोइरांगथेम अमित सिंह और उनके एस्कॉर्ट का मेइतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के लोगों ने हमला किया था। कहा जा रहा है कि एएसपी और उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया गया था। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि कुछ पुलिस कमांडो ने विरोध में अपने हथियार डाल दिए हैं। स्थिति नियंत्रण में है। अन्य स्थानों पर पुलिस ड्यूटी पर है।
एएसपी अमित सिंह ने वाहन चोरी के आरोप में अरामबाई तेंगगोल समूह से जुड़े 6 लोगों को पकड़ा था। इसके बाद तनाव बढ़ गया। मेइतेई महिला समूह मीरा पैबिस के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग की। इस दौरान हथियारों से लैस करीब 200 लोगों ने अमित सिंह और उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को अगवा किया।
घायल हैं एएसपी अमित सिंह
पुलिस अधिकारी को अगवा किए जाने की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बलों की सहायता से मणिपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और अमित सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों को बचाया। अमित सिंह के साथ मारपीट की गई है। इलाज के लिए उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर है। वह मणिपुर पुलिस के ऑपरेशन विंग में पोस्टेड हैं। अमित सिंह पर हुए हमले पर केस दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है।
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3 मई 2023 से जारी है जातीय हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद 3 मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी। इस दिन से राज्य में हिंसा हो रही है। कुकी और मेइतेई समाज के लोग आमने-सामने हैं। इसके चलते करीब 200 लोगों की जान गई है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों घर जला दिए गए हैं।