असम और मिजोरम की सीमा पर सोमवार को हुए खूनी संघर्ष पर अभी विराम नहीं लगा है। दोनों राज्यों के लोग छुप-छुपकर एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। लोगों की जान बचाने सुरक्षाबल मोर्चा संभाले हुए हैं।

नई दिल्ली। मिजोरम-असम सीमा विवाद के दौरान हुई हिंसा के बाद तनाव की स्थितियां बरकरार है। केंद्रीय गृह मंत्रालय दोनों राज्यों में शांति स्थापना के लिए जिम्मेदारों को तलब किया है। केंद्रीय गृह सचिव बुधवार को असम-मिजोरम में मुख्य सचिवों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग करेंगे। मीटिंग नार्थ ब्लॉक में बुलाई गई है। 

देर शाम मिजोरम के गृहमंत्री और सीआरपीएफ आईजी ने की बैठक

राज्य सीमा विवाद के दौरान हुई हिंसा के बाद मंगलवार की शाम को मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना व सीआरपीएफ आईजी की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में राज्य के कई अधिकारियों के अलावा मिजोरम के कई अन्य मंत्री भी शामिल रहे। यह बैठक कोलासिब जिले के वैरेंगटे में हुई है।

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सीआरपीएफ की अतिरिक्त बटॉलियन तैनात

सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि कल के विवाद के बाद सीआरपीएफ ने हस्तक्षेप कर मामला को नियंत्रित कर लिया है। असम पुलिस विवादित स्थल से पीछे हट गई है जबकि मिजोरम पुलिस अस्थायी चौकियों पर डटी हुई है। सीआरपीएफ ने चार अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती कर दी है। ये न्यूट्रल फोर्सेस हैं। दो कंपनियां बार्डर पर पहले से ही थीं। सीनियर अधिकारी वहां हैं और पूर्ण शांति बहाल है। 

असम सरकार ने तैनात किए कमांडो बटालियन

असम सरकार ने मिजोरम सीमा से लगे तीन जिलों में कमांडो बटालियन तैनात करने का ऐलान किया है। 
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि मिजोरम से सटे सीमा क्षेत्र के जिलों कछार, करीमगंज और हैलाकांडी में तीन कमांडो बटॉलियन तैनात रहेंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था की स्थितियों से निपटा जा सके। 

असम में तीन दिनों का राजकीय शोक

असम सरकार ने असम-मिजोरम सीमा संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक के सम्मान में तीन दिनों का राजकीय शोक भी घोषित किया है। 

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महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने लगाया बीजेपी पर आरोप

महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने सरकार पर स्थितियां न संभाल पाने का आरोप लगाया है। सुष्मिता देव ने कहा कि असम-मिजोरम बार्डर पर हिंसा काफी दिनों से चली आ रही है लेकिन बीजेपी सरकार कोई समाधान करने की बजाय इस मामले को और बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि छह पुलिसकर्मियों की मौत के पहले भी कई घटनाएं हुई लेकिन केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इसे नकारती रही।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही नार्थईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस बनाया था लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह असम के लोगों को सुरक्षा कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। तत्काल गृहमंत्री अमित शाह को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।

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