सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड यूथ स्किल डे पर आज युवाओं को वीडियो संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा का हमारे देश में हर स्किल और शिल्प में बड़ा महत्व है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे पर युवाओं को संदेश दिया। यह दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर मनाया जाता है। मोदी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा का हमारे देश में हर स्किल और शिल्प में बड़ा महत्व है।

युवा पीढ़ी का स्किल आत्मनिर्भर भारत का बड़ा आधार
उन्होंने कहा, नई पीढ़ी के युवाओं का स्किल डवलपमेंट, एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है। बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से स्किल इंडिया मिशन को गति देनी है।

एक बार मुझे कुछ अफसर मिले। ये लोग स्किल डेवलपमेंट की दिशा में काम कर रहे थे। मैंने उनका कहा- आप एक लिस्ट बनाइए, जिसमें हर दिन जरूरत के हिसाब से स्किल की जरूरत होती हो। आप यकीन नहीं मानेंगे कि उन अफसरों ने 900 से ज्यादा ऐसी स्किल निकाली, जिसकी आवश्कताओं की हमें हर दिन जरूरत होती है। यह दूसरी बार है जब हम इस दिन को कोरोना महामारी के बीच मना रहे हैं। इस वैश्विक महामारी की चुनौतियों ने विश्व युवा कौशल दिवस का महत्व बढ़ा दिया है।

ग्लोबल स्किल गैप की मैपिंग प्रशंसनीय कदम
दुनिया के लिए एक स्मार्ट और कुशल मानव शक्ति समाधान भारत दे सके, ये हमारे नौजवानों की कौशल रणनीति के मूल में होना चाहिए। इसको देखते हुए ग्लोबल स्किल गैप की मैपिंग जो की जा रही है, वो प्रशंसनीय कदम है।

मोदी ने यह भी कहा
आज ये महत्वपूर्ण है कि सीखने के साथ आपकी कमाई न रुक पाए। आज के समय में जो कुशल होगा, वही विकास कर पाएगा। यह बात सब पर लागू होती है। बाबा साहेब ने भी स्किल पर जोर दिया था। स्किल इंडिया के जरिए ही देश उनके सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। पीएम मोदी ने युवाओं को वीडियो संदेश दिया। उन्होंने कहा, हमें नए सिरे से स्किल इंडिया का मिशन चलाना है। वर्ल्ड यूथ स्किल डे के 6 साल पूरे हो चुके हैं। इसी मौके पर पीएम मोदी ने संबोधित किया।

मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से अब तक 1.25 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।हमारे पूर्वजों ने स्किल्स को महत्व देने के साथ ही उसे समाज के उल्लास का हिस्सा बनाया। हम विजयादशमी को शस्त्र पूजन करते हैं, अक्षय तृतीया को किसान फसल की कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा की पूजा तो हर शिल्प से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा पर्व रहा है।