सार

दूसरे प्रदेशों से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया है। लंगर सेवा शुरू कर दी है। किसान परिवारों से और किसानी के प्रति लगाव रखने वाले चिकित्सकों और चिकित्सालयों की मदद से करीब सौ मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। एंबुलेंस सेवा की भी व्यवस्था रहेगी। शहर को जाम से बचाने के लिए पार्किंग बनाई गई हैं। 

मुजफ्फरनगर। किसानों की यूपी में सबसे बड़ी रैली का आगाज आज होगा। पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेक आंदोलित किसान और यहां हुंकार भरेंगे। इस महापंचायत में देशभर के किसान शामिल हो रहे है

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान हुंकार पर शनिवार से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया। किसान महापंचायत को लेकर पुलिस, प्रशासन अलर्ट है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया। रविवार को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत बुलाई गई है। भाकियू पदाधिकारियों का दावा है कि किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटेंगे। महापंचायत में देश के हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु, केरल से भी किसानों के जत्थे आने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक राज्य रैयत संघ की अध्यक्ष और बड़े कृषि वैज्ञानिक रहे डाॅ. नजूड़ा स्वामी की बेटी समेत काफी किसान मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। अलीगढ़, मथुरा, आगरा समेत वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचना शुरू हो गए हैं।

दूसरे प्रदेशों के किसान भी पहुंच रहे, जत्थों में पहुंच रहे  किसान

गाजीपुर बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से भी किसानों के जत्थे पहुंचे। वे भी देर रात या सुबह तक मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंच जाएंगे। 

लेकिन घर नहीं जाएंगे राकेश टिकैत

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। टिकैत ने कहा कि उन्होंने बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।