सार
रक्षा मंत्री के साथ कमांडरों ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थल सेनाध्यक्ष और वायु सेना प्रमुख के साथ बातचीत की।
नई दिल्ली। आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री (Union Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बताया कि भारतीय नौ सेना (Indian Navy) ने 41 जहाजों और पनडुब्बियों के लिए आर्डर दिया है। इसमें से 39 भारतीय शिपयार्ड (Indian Shipyard) से हैं। सेना मेक इन इंडिया (Make in India) का सबसे बड़ा उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने पिछले पांच वर्षों में आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से अधिक स्वदेशी खरीद के लिए खर्च किया है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को नौ सेना कमांडर्स के चार दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि P75 (I) परियोजना सबसे बड़ी 'मेक इन इंडिया' परियोजनाओं में से एक होगी। सिंह ने COVID सहित चुनौतियों पर काबू पाने के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित विमान वाहक 'विक्रांत' के सफल पहले समुद्री परीक्षणों पर इंडियन नेवी की सराहना भी की।
18 अक्टूबर 2021 को शुरू हुआ नौसेना कमांडरों का सम्मेलन गुरुवार को चार दिनों के सार्थक विचार-विमर्श के बाद संपन्न हुआ।
आत्मनिर्भर भारत के लिए सेना का आत्मनिर्भर होना जरूरी
रक्षा मंत्री ने भारत के समुद्री चरित्र और भू-रणनीतिक स्थान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये ही दो कारक हैं जिन्होंने एक राष्ट्र के रूप में हमारे विकास और एक सभ्यता के रूप में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने राष्ट्रीय विकास के लिए और दुनिया के साथ सक्रिय जुड़ाव के लिए समुद्रों पर हमारी बढ़ती निर्भरता के कारण मजबूत नौसेना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मिशन सागर के हिस्से के रूप में दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए नौसेना की भी सराहना की।
नेवी चीफ ने नौ सेना के युद्ध की तैयारियों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेना कमांडरों को युद्ध की तैयारी, क्षमता वृद्धि, समुद्री बल के रूप में विश्वसनीयता, सुरक्षा, रखरखाव, बुनियादी ढांचे के विकास और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा किया।
तीनों सेनाओं के तालमेल पर हुई चर्चा
रक्षा मंत्री के साथ कमांडरों ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थल सेनाध्यक्ष और वायु सेना प्रमुख के साथ बातचीत की। इस बातचीत में विकसित क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए त्रि-सेवाओं के तालमेल को बढ़ाने के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
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