सार

ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे में मारे गए लोगों की बात करते-करते रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini vaishnav) रो पड़े। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व अभी खत्म नहीं हुआ है।

 

बालासोर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम सात बजे हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में 275 लोगों की मौत हुई है और एक हजार से अधिक घायल हुए हैं। रेलवे ने दिनरात काम कर क्षतिग्रस्त हुए रेलवे ट्रैक की मरम्मत कर दी है। यह काम 51 घंटे में कर लिया गया। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini vaishnav) लगातार मौके पर डटे रहे।

रविवार को हादसे में मारे गए लोगों की बात करते-करते अश्विनी वैष्णव रो पड़े। अश्विनी वैष्णव ने कहा, "अब तक तीन गाड़ियां जा चुकी हैं। रात में करीब सात गाड़ियां प्लांड हैं। नॉर्मलाइजेशन की तरफ ले जाना है। बहुत ही संवेदना के साथ जिन परिवारों के मेंबर्स खो गए (यह कहते हुए रेल मंत्री रो पड़े)... उनको किसी न किसी तरह, जल्दी से जल्दी उनके परिवारजनों के पास पहुंचाया जाए, यह हमारा दायित्व है। हमारा दायित्व अभी खत्म नहीं हुआ है।"

बालासोर में दोनों लाइनों पर फिर से शुरू हो गईं ट्रेन सेवाएं
बता दें कि बालासोर के बहानागा ट्रेन दुर्घटना स्थल पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गईं हैं। रविवार रात आधी रात से कोलकाता और चेन्नई के बीच सेवाओं को फिर से शुरू किया गया। ट्रायल के लिए सबसे पहले एक मालगाड़ी को पटरी पर चलाया गया।

इस रूट से हावड़ा-चेन्नई मेल, हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस, हावड़ा-पुडुचेरी एक्सप्रेस, शालीमार-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनें बहनागा से होकर गुजरती हैं। रेल अधिकारियों ने कहा कि सोमवार से रूट की सभी ट्रेनें सामान्य हो जाएंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन सभी को बधाई दी जिन्होंने सेवाओं को बहाल करने के लिए अथक प्रयास किया है।

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पटरी से उतर गए थे कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे

गौरतलब है कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हाल के वर्षों में सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। हादसे में तीन ट्रेनें (दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी) शामिल थी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानागा बाजार स्टेशन के पास ट्रैक पर पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे दूसरे ट्रैक पर चले गए थे जिसपर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। इसने पटरी पर मौजूद डिब्बों को टक्कर मार दी। दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

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