सार
ओमीक्रोन (Omicron) डेल्टा (Delta) और बीटा (Beta) की तुलना में तीन गुना ज्यादा री इन्फेक्शन फैलाता है। इसका मतलब ये है कि जो लोग कोविड-19 से पहले संक्रमित हो चुके हैं, उनके भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Covid 19) के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Covid 19 New Varaint Omicron) को लेकर दक्षिण अफ्रीका (South Africa)की एक नई रिपोर्ट (Report) सामने आई है। इसमें कहा गया है कि यह वैरिएंट डेल्टा (Delta) और बीटा (Beta) की तुलना में तीन गुना ज्यादा री इन्फेक्शन फैलाता है। इसका मतलब ये है कि जो लोग कोविड-19 से पहले संक्रमित हो चुके हैं, उनके भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है। दक्षिण अफ्रीका में अभी रोजाना लगभग 8 हजार नए मामले आ रहे हैं। यह पहले की तुलना में दोगुने तक हो गए हैं। यह रिपोर्ट आने के बाद भारत में भी चिंता बढ़ गई है। देश में ओमीक्रोन से संक्रमित दो मरीज मिल चुके हैं। इनमें से एक दुबई जा चुका है, लेकिन डर है कि उसके संपर्क में आए लोग संक्रमित नहीं हों। उधर, शुक्रवार तड़के तमिलनाडु में दो यात्रियों के संक्रमित मिलने के बाद हड़कंप है। हालांकि इनकी रिपोर्ट में ओमीक्रोन की पुष्ट नहीं हुई है। जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद यह पता लगाया जा सकेगा कि इनमें कौन सा वैरिएंट है।
28 लाख लोगों में से 35 हजार लोग खतरे में
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 27 नवंबर तक कोविड पॉजिटिव हुए 28 लाख लोगों में 35,670 लोगों के दोबारा संक्रमित होने का अनुमान है। कोविड से संक्रमित होने के 90 दिनों बाद अगर किसी शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसे री इन्फेक्शन माना जाता है। कई वैज्ञानिक पहले भी कह चुके हैं कि ओमीक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन हैं। इस वजह से यह पांच गुना तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है।
वैक्सीन पूरी तरह असरकारक नहीं
सउथ अफ्रीका की रिपोर्ट के मुताबिक Omicron वैरिएंट पर वैक्सीन (Vaccine) का असर पूरी तरह से नहीं होता है। हालांकि, लैंसेट की ताजा स्टडी और अन्य कई शोधों में कहा गया है कि वैक्सीन कोविड से मौत के खतरे को 95 से 98 प्रतिशत तक कम करती है। गंभीर मरीजों के मामले में भी यह असरकारक है।
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