सार
ऑक्सफैम इंडिया सामाजिक गतिविधियों को चलाने के लिए पंजीकृत है, ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को धन भेजा।
Oxfam India: ऑक्सफैम इंडिया की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। विदेशी फंडिंग की जांच के लिए ऑक्सफैम पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया है। इस पर विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग का आरोप है। सीबीआई, अब एफसीआरए के उल्लंघन की जांच करेगी। ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस दिसंबर 2021 में रिन्यू नहीं किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया था कि विदेशों से मिल रही फंडिंग का डायवर्ट किया जा रहा है।
क्यों की जाएगी जांच?
दरअसल, देश में FCRA 29 सितंबर 2020 को लागू किया गया था। इसके लागू होने के बाद विदेशों से फंड्स लेकर विभिन्न संस्थाओं को ट्रांसफर करने पर बैन लग गया था। लेकिन आरोप है किऑक्सफैम ने FCRA लागू होने के बाद भी विदेशों से चंदा लेकर विभिन्न संस्थाओं को ट्रांसफर करना जारी रखा था। अब केंद्र ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से ऑक्सफैम की जांच करने के लिए कहा है कि वह उन आरोपों की जांच करे कि क्या विदेशी निधि अधिनियम का उल्लंघन कर रहा था?
सूत्रों ने बताया कि ऑक्सफैम इंडिया जो सामाजिक गतिविधियों को चलाने के लिए पंजीकृत है, ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को धन भेजा। यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी स्पष्ट है। 2019-20 वित्तीय वर्ष में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को ₹12,71,188/- का भुगतान टीडीएस डेटा में दिखा रहा है।
अब जानिए ऑक्सफैम के बारे में?
ऑक्सफैम इंडिया एक ग्लोबल एनजीओ की शाखा है। एनजीओ ऑक्सफैम, विभिन्न देशों में सामाजिक गतिविधियों को चलाती है। भारत में ऑक्सफैम इंडिया आदिवासियों, दलितों, मुसलमानों और महिला अधिकारों के लिए काम करती है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2021 के दिसंबर में संस्था के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द करते हुए इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया था। इस पर आरोप लगा था कि यह विदेशों से मिल रही फंडिंग का दुरुपयोग कर रही है।
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