सार
केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। खेल जगत के 9 लोगों को पद्म सम्मान दिया गया है। देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण और भारत को टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा सहित आठ खिलाड़ियों को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2022) की घोषणा की है। खेल जगत के 9 लोगों को पद्म सम्मान दिया गया है। देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण और भारत को टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) सहित आठ खिलाड़ियों को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
ये हैं सम्मान पाने वाले खिलाड़ी
पद्म भूषण
1. देवेंद्र झाझरिया - पैरालंपिक- भाला- ओलम्पिक 2 स्वर्ण, 1 रजत
देवेंद्र झाझरिया ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। राजस्थान के चुरू जिले में जन्मे झाझरिया ने आठ वर्ष की उम्र में पेड़ पर चढ़ते समय बिजली के तारों को छू दिया था। इसकी वजह से उनका बायां हाथ काटना पड़ा था।
पद्म श्री
1. सुमित एंटील- पैरालंपिक- भाला-पैरा-ओलंपिक गोल्ड
सुमित एंटील 2015 में हादसे का शिकार हो गए थे। उनका बायां पैर काटना पड़ा था। बचपन में कुश्ती खेलने वाले सुमित ने पैर कटने के बाद भाला फेंकना शुरू किया। उन्होंने टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भारत को दूसरा गोल्ड दिलाया था।
2. प्रमोद भगत- पैरालंपिक- बैडमिंटन- पैरा-ओलंपिक गोल्ड
प्रमोद भगत बचपन में पोलियो का शिकार हो गए थे। टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के एसएल3 क्लास सेमीफाइनल में जापान के फुजिहारा को 2-0 से हराया था।
3. नीरज चोपड़ा- जेवलिन-ओलंपिक गोल्ड
भारत को टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल दिलाकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा था। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल देने के बाद पद्मश्री देने की घोषणा की।
4. शंकरनारायण मेनन चुंडायिल- मार्शल आर्ट (कलारीपयट्टू)
93 साल के शंकरनारायण मेनन केरल में वल्लभट्ट कलारी के मुख्य प्रशिक्षक और वर्तमान गुरुक्कल हैं, जिनके नेतृत्व में करीब 100 युवा प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं। शंकरनारायण कलारी सीखाने वाले मुदावंगटिल परिवार के सबसे वरिष्ठ व्यक्ति हैं। परिवार के पास मालाबार में वेट्टथु नाडु के राजा की सेना का नेतृत्व करने की विरासत है।
5. फैजल अली डार- जम्मू कश्मीर- मल्टी स्पोर्ट्स/मार्शल आर्ट
कश्मीर के बांदीपोरा जिले में रहने वाले फैजल अली डार बच्चों को मार्शल आर्ट सिखाते हैं।
6. वंदना कटारिया- हॉकी- एशिया कप गोल्ड- एशियन गेम्स- सिल्वर, ब्रॉन्ज
उत्तराखंड के हरिद्वार के रोशनाबाद गांव निवासी वंदना कटारिया हॉकी खेलती हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में गोलों की हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया था। विगत वर्ष वंदना कटारिया को टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।
7. अवनि लेखारा- पैरालंपिक शूटिंग- टोक्यो पैरालंपिक
2012 में जयपुर में एक कार हादसे में अवनि बुरी तरह जख्मी हो गईं थी। उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी। इस वजह से कमर के नीचे वाला हिस्सा सुन्न हो गया था। टोक्यो में व्हीलचेयर से उन्होंने गोल्ड पर निशाना लगाकर पूरे भारत को गर्व करने का मौका दिया था।
8. ब्रह्मानंद सांखवलकर- पूर्व भारतीय फुटबॉलर, पूर्व कप्तान, गोलकीपर
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