जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में शुक्रवार रात इंटरनेशनल बॉर्डर के पास पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया। कुछ मिनट मंडराने के बाद ड्रोन वापस लौट गया। सुरक्षा बलों ने एयरड्रॉप की आशंका में सर्च ऑपरेशन शुरू किया और इलाके में कड़ी निगरानी जारी है।
Pakistani Drone in Samba: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में शुक्रवार देर रात एक ऐसी हलचल देखने को मिली, जिसने पूरे बॉर्डर इलाके में तनाव बढ़ा दिया। इंटरनेशनल बॉर्डर के बिलकुल पास बसे रीगल गांव के ऊपर एक पाकिस्तानी ड्रोन अचानक दिखा। कुछ मिनटों तक वह गांव के ऊपर मंडराता रहा और फिर उसी दिशा से वापस पाकिस्तान की ओर लौट गया। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह घटना बेहद गंभीर मानी जा रही है, क्योंकि हाल के दिनों में ड्रोन के जरिए हथियारों, ड्रग्स और नकदी की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं।
जैसे ही ड्रोन दिखाई दिया, फोर्सेस तुरंत हरकत में आ गईं। पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया ताकि यह पता चल सके कि क्या ड्रोन ने किसी तरह का कोई एयरड्रॉप गिराया है। अभी इलाके में लगातार निगरानी रखी जा रही है और जांच जारी है। यह घटना अचानक हुई या इसके पीछे कोई बड़ी प्लानिंग है-यही सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
आखिर पाकिस्तानी ड्रोन सांबा बॉर्डर में कैसे घुस आया?
अधिकारियों के मुताबिक, यह ड्रोन पाकिस्तान की तरफ स्थित चक भूरा पोस्ट के पास से इंडियन सीमा में दाखिल हुआ। ड्रोन सीधी दिशा में उड़ते हुए घगवाल सेक्टर के रीगल गांव के ऊपर पहुंचा। यहां वह कुछ मिनटों तक रुक-रुक कर हवा में घूमता रहा, जैसे किसी खास जगह की तलाश कर रहा हो। ड्रोन की स्पीड और ऊंचाई देखकर यह साफ लगा कि वह एक हाई-टेक UAV था, जिसे ऑपरेटर लाइव मॉनिटर कर रहा था। बड़ा सवाल यह है कि वह यहां क्या देखने या गिराने आया था?
क्या ड्रोन ने सांबा के ऊपर कोई हथियार या नशे की खेप गिराई?
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने आसपास के खेतों, नालों और सुनसान इलाकों में सर्च शुरू कर दिया। यह जांच इसलिए जरूरी थी क्योंकि कई बार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए AK-47, पिस्तौल, ग्रेनेड, नकदी और ड्रग्स गिराए जाने के मामले सामने आए हैं। फिलहाल अभी तक कोई सामान नहीं मिला, लेकिन ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों का मानना है कि ड्रोन की यह उड़ान सिर्फ टेस्ट भी हो सकती है या फिर असली खेप दूसरी रात गिराने की प्लानिंग हो।
क्या यह ड्रोन सर्विलेंस मिशन का हिस्सा था?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह ड्रोन सिर्फ एयरड्रॉप करने नहीं, बल्कि इंडियन पोस्ट और गांवों की लोकेशन मैपिंग करने आया हो सकता है। रात के समय उड़ान भरने का मतलब है कि यह मिशन बेहद सोच-समझकर किया गया था। ड्रोन ने सीमित समय में इलाके का चक्कर लगाया और तुरंत लौट गया-जो एक तरह की रिकॉनिसेंस स्ट्रैटेजी जैसी लगती है।
क्या यह पाकिस्तान की नई ड्रोन स्ट्रैटेजी का संकेत है?
पिछले कुछ महीनों में पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बार्डर इलाकों में ड्रोन देखे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे साफ है कि पाकिस्तान लगातार नई तकनीक का इस्तेमाल करके भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिशें कर रहा है। सांबा में दिखा यह ड्रोन भी इसी पैटर्न का हिस्सा हो सकता है, जिसकी वजह से सिक्योरिटी एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।


