सार
गलवान घाटी के बाद अब पैंगोंग झील में हुई भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। चीन की हरकतों के मद्देनजर भारत ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब भारत कूटनीतिक बातचीत के साथ साथ एलएसी पर चीन के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाएगा।
नई दिल्ली. गलवान घाटी के बाद अब पैंगोंग झील में हुई भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। चीन की हरकतों के मद्देनजर भारत ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब भारत कूटनीतिक बातचीत के साथ साथ एलएसी पर चीन के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाएगा। इसी के साथ भारत चीन को यह संदेश देने के पक्ष में है कि एलएसी पर भारतीय सेना हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में चीन ने दोनों देशों के बीच बनी सहमति का पालन नहीं किया। चीन बातचीत की आड़ में उन विवादित इलाकों पर कब्जा चाहता है, जहां नोमेंस जोन बनाने पर सहमति बनी है। लेकिन भारत ने चीन की मंशा को भांपते हुए पहले ही अहम चोटियों पर अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बनाई है। भारत के पलटवार से चीन बौखला गया है।
अब शिकायत कर रहा चीन
भारत और चीन के बीच मई से पूर्वी लद्दाख में विवाद चल रहा है। इस पूरे विवाद में चीन अहम और मजबूत भूमिका में माना जा रहा था। भारत चीन से स्थिति बहाल करने की अपील कर रहा था। लेकिन विवाद में पहली बार ऐसा हुआ है, जब चीन शिकायत करने और भारत इस पर संज्ञान लेने की भूमिका में है। आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, कूटनीतिक स्तर पर इसे बड़ी बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है।
पहले से तैयारियों में जुटा भारत
मई में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तभी से भारत चीन को कड़ा संदेश देने के लिए तैयारियों में जुटा है। पहले एलएसी पर अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत किया, फिर हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया। इसके बाद भारत ने साउथ चाइना सी में अपने जंगी युद्धपोत को उतार कर चीन को कड़ा संदेश दिया। अब रणनीतिक दृष्टि से अहम विवादित जगहों पर भारत ने मजबूत पकड़ बना ली है। 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग झील में हुई झड़प के बाद भारत ने तीन अहम चोटियों पर कब्जा कर चीन को कड़ा संदेश दे दिया है कि वह हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
बातचीत जारी रखेगा भारत
भले ही भारत ने चीन को अपना रुख दिखाकर कड़ा संदेश दे दिया हो। लेकिन यह बात भी साफ है कि भारत कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत भी जारी रखने के पक्ष में है। दरअसल, भारत शुरू से इस विवाद को बातचीत से सुलझाने के पक्ष में है। ऐसे में भारत बातचीत भी जारी रखेगा।
भारत को फिर मिला अमेरिका का साथ
उधर, अमेरिका ने इस मामले में एक बार फिर भारत का पक्ष लिया है। चीन को घेरने के लिए अमेरिका भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया को साथ लाकर नाटो जैसा गठबंधन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इतना ही नहीं, जल्द ही चारों देशों की बैठक भी हो सकती है। अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बिगन ने सोमवार को कहा, हमारा उद्देश्य चार देशों को मिलाकर चीन की चुनौती का सामना करना है।