सार

पीएम केयर्स से खरीदे गए वेंटिलेटर्स की खराबी की वजह रखरखाव सही नहीं होना है। संचालन के समय सही तरीके से रखरखाव के अभाव में काफी सारे वेंटिलेटर्स खराब हुए हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि जिन राज्यों में वेंटिलेटर्स के खराब होने की शिकायतें सामने आ रही थी, उनको संबंधित कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट्स भेजकर सही कराया गया है। भविष्य में कोई दिक्कत न हो इसके लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कंपनी का मेल आईडी उपलब्ध करा दिया गया है। 

नई दिल्ली। पीएम केयर्स से खरीदे गए वेंटिलेटर्स की खराबी की वजह रखरखाव सही नहीं होना है। संचालन के समय सही तरीके से रखरखाव के अभाव में काफी सारे वेंटिलेटर्स खराब हुए हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि जिन राज्यों में वेंटिलेटर्स के खराब होने की शिकायतें सामने आ रही थी, उनको संबंधित कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट्स भेजकर सही कराया गया है। भविष्य में कोई दिक्कत न हो इसके लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कंपनी का मेल आईडी उपलब्ध करा दिया गया है। 

केंद्र सरकार ने 2020 में खरीदे थे पीएम केयर से वेंटिलेटर्स

पिछले साल कोविड की पहली लहर के दौरान पीएम केयर फंड से केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर्स खरीदे थे। इन वेंटिलेटर्स को राज्यों के अस्पतालों में भेजा गया था। 

अभी तक कई राज्यों ने नहीं इंस्टाल कराए वेंटिलेटर्स

एक साल पहले राज्यों को वेंटिलेटर्स भेजे गए थे लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जिन्होंने उसको इंस्टाल तक नहीं कराया है। वह अस्पतालों में रखे रखे धूल फांक रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने पिछले महीने सात राज्यों को पत्र लिखकर वेंटिलेटर्स लगवाने को कहा था। सात राज्यों में 50 से अधिक वेंटिलेटर्स चार से पांच महीने से अस्पतालों में पड़े हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय का दावाः फरीदकोट के सभी वेंटिलेटर्स नहीं खराब

पंजाब के फरीदकोर्ट के जीजीएस मेडिकल काॅलेज एंड हास्पिटल में एजीवीए कंपनी  ने 80 वेंटिलेटर्स सप्लाई किए थे। यह कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ के तहत प्रमोट की गई कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां 80 में से 71 वेंटिलेटर्स खराब हैं। लेकिन केंद्र द्वारा भेजी गई वेंटिलेटर्स सप्लायर की टेक्निकल टीम ने बताया कि यहां सभी वेंटिलेटर्स खराब नहीं हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि यहां सप्लाई किए गए 88 वेंटिलेटर्स की आपूर्ति भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने की है जबकि पांच वेंटिलेटर्स की आपूर्ति एजीवीए ने की है। कंपनी ने इन वेंटिलेटर्स इंस्टाल करने और चलाने के बाद अस्पताल के अधिकारियों द्वारा इनके लिए फाइनल स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था।

कंपनी के इंजीनियर्स ने किया मरम्मत

बीईएल ने बताया है कि जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीजीएसएमएमसीएच), फरीदकोट के अधिकांश वेंटिलेटर दोषपूर्ण नहीं हैं।  उनके इंजीनियरों ने पूर्व में प्राप्त शिकायतों को दूर करने के लिए विभिन्न मौकों पर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया है और मामूली मरम्मत भी की है। 

रखरखाव सही नहीं होने से आई दिक्कतें

बीईएल ने बताया कि मेडिकल काॅलेज में केंद्रीय ऑक्सीजन गैस पाइपलाइनों में आवश्यक दबाव उपलब्ध नहीं है। साथ ही जीजीएस मेडिकल काॅलेज एंड हास्पिटल में बुनियादी ढांचे के साथ कई अन्य समस्याएं हैं। अस्पताल के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार फ्लो सेंसर, बैक्टीरिया फिल्टर और एचएमई फिल्टर जैसे उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को बदला नहीं जा रहा है और उपकरणों के बिना ही वेंटिलेटर्स का उपयोग किया जा रहा है। इस वजह से वेंटिलेटर्स के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। 
 

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आईए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं... जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona