सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। चीन से चल रहे विवाद के बीच यह पहला मौका है कि जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना सामना हुआ। वहीं, इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे। समिट की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। चीन से चल रहे विवाद के बीच यह पहला मौका है कि जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना सामना हुआ। वहीं, इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे। समिट की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, एससीओ क्षेत्र से भारत का घनिष्ठ, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहा है। हमारे पूर्वजों ने इस साझा विरासत को अपने अथक और निरंतर संपर्कों से जीवंत रखा। उन्होंने कहा, भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है। और हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के विरोध में आवाज उठाई है।
संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 साल पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन आए।
पीएम मोदी ने कहा, अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।
पीएम मोदी ने इशारे में लगाई पाकिस्तान को फटकार
प्रधानमंत्री ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे, यह एससीओ चार्टर और शंघाई स्पिरिट का उल्लंघन करते हैं। दरअसल, पाकिस्तान समिट में पहले भी कश्मीर का मुद्दा उठा चुका है।
एससीओ की यह तीसरी बैठक, मोदी-जिनपिंग आए आमने सामने
यह शंघाई सहयोग संगठन की तीसरी बैठक है। इस बैठक में भारत की ओर से पीएम मोदी शामिल हो रहे हैं। इससे पहले एससीओ की रक्षा मंत्रियों की बैठक में राजनाथ सिंह और विदेश मंत्रियों की बैठक में एस जयशंकर शामिल हुए थे। इस दौरान भारत ने चीन के नेताओं को सीमा पर अपने रुख को लेकर साफ संदेश दिया था।
एससीओ में 8 देश
एससीओ में 8 राष्ट्र शामिल हैं। यह क्षेत्रीय समूह दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी और वैश्विक जीडीपी के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मुख्यालय बीजिंग में है। चीन, रूस, कजाखस्तान, कीर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके संस्थापक सदस्य हैं। जबकि भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ में शामिल हुए हैं।