सार
पीएम मोदी (PM Modi) आज 13वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसमें ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। मोदी वर्चुअल समिट में भाग लेंगे। भारत साल 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज 5 देशों के समूह (BRICS) की मीटिंग में शामिल होंगे। मोदी वर्चुअल समिट में भाग लेंगे। भारत साल 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। यह मीटिंग का 13वां शिखर सम्मेलन है।
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अफगानिस्तान का मुद्दा उठ सकता है
माना जा रहा है कि इस मीटिंग में अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। ये दुनिया के बड़े विकासशील देश हैं। यहां दुनिया की आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद(global gross domestic product) 24 प्रतिशत और व्यापार का 16 प्रतिशत है।
दूसरी बार अध्यक्षता कर रहे मोदी
यह दूसरा मौका है, जब मोदी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा में हुए सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस बार का विषय है-‘ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग’। बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा उपस्थित रहेंगे।
काम का ब्योरा पेश किया जाएगा
मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी शिखर सम्मेलन में राजाध्यक्षों के सामने साल भर में किये काम काम का ब्योरा प्रस्तुत करेंगे।
शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव पर भी बात
शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु ब्रिक्स@15: इंट्रा-ब्रिक्स कोऑपरेशन फॉर कंटीन्यूटी, कॉन्सॉलिडेशन एंड कंसेन्सस (ब्रिक्स@515: अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिये सहयोग) है। अपनी अध्यक्षता में भारत ने चार प्राथमिक क्षेत्रों का खाका तैयार किया है। इन चार क्षेत्रों में बहुस्तरीय प्रणाली, आंतक विरोध, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये डिजिटल और प्रौद्योगिकीय उपायों को अपनाना तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाना शामिल है। इन क्षेत्रों के अलावा, उपस्थित राजाध्यक्ष कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव तथा मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।