सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Shri Narendra Modi) 12 नवंबर को सुबह 11 बजे भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) की 2 अभिनव ग्राहक केंद्रित पहलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ करेंगे। इसमें बैंकिग लोकपाल से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सुविधा भी शामिल है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Shri Narendra Modi) 12 नवंबर को सुबह 11 बजे भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) की 2 अभिनव ग्राहक केंद्रित पहलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ करेंगे। ये पहल हैं RBI खुदरा प्रत्यक्ष योजना(RBI Retail Direct Scheme) और रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना(Integrated Ombudsman Scheme)।  कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर भी शामिल होंगे।

अब एक जगह हो सकेंगी सारे बैंकों की शिकायतें
रिज़र्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना(Integrated Ombudsman Scheme) का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं के विरुद्ध ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण तंत्र में और सुधार करना है। इस योजना का केंद्रीय विषय ग्राहकों के लिए अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए एक पोर्टल, एक ईमेल और एक पते के साथ 'एक राष्ट्र-एक लोकपाल' पर आधारित है। ग्राहकों के लिए अपनी शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज़ जमा करने, स्थिति ट्रैक करने और प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए एक ही संदर्भ बिंदु होगा। एक बहुभाषी टोल-फ्री नंबर शिकायत निवारण और शिकायत दर्ज करने में सहायता के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करेगा। यानी अब आपको अलग-अलग बैंकों से जुड़ीं शिकायतें संबंधित बैंकों के ईमेल-पते या पोर्टल पर दर्ज कराने की जरूरत नहीं। सबकी शिकायतें एक ही जगह हो सकेंगी।

यह है RBI Retail Direct Scheme 
आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना(RBI Retail Direct Scheme) का उद्देश्य खुदरा निवेशकों।(retail investors) के लिए सरकारी प्रतिभूति बाजार(government securities market) तक पहुंच बढ़ाना है। यह उन्हें भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश के लिए एक नया अवसर प्रदान करता है। निवेशक आसानी से आरबीआई के साथ अपना सरकारी प्रतिभूति खाता मुफ्त में ऑनलाइन खोल सकेंगे और उसका रख-रखाव कर सकेंगे।

बैंकिंग लोकपाल क्या है
बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 (Banking Ombudsman Scheme) भारतीय बैंकों के ग्राहकों की शिकायतों एवं समस्याओं को सुलझाने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इसके अन्तर्गत एक 'बैंकिंग लोकपाल' की नियुक्ति की जाती है, जो एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी है। बैंकिंग लोकपाल योजना 1995 में लागू की गई थी, लेकिन 2002 एवं 2006 में इस योजना का दायरा बढ़ाया गया। इसका मकसद बैंकों में स्वच्छ, पारदर्शी, भेदभाव रहित और जिम्मेदारी पूर्वक सेवाएं दिलवाना है। यह एक स्वशासी स्वतंत्र संस्था है, जो बैंकों की सेवाओं की निगरानी रखती है। कोई भी ग्राहक बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों के बर्ताव या सर्विस से संबंधित शिकायतें बैंकिंग लोकपाल को डाक, ई मेल या पोर्टल पर दर्ज करा सकता है।  शिकायत का निराकरण 30 दिन के अंदर किया जाता है। अब इस योजना का लाभ एक ही जगह पर मिलेगा।

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