सार

आज राजमाता विजयाराजे सिंधिया(Rajmata Vijaya Raje Scindia) की जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने tweet करके उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
 

नई दिल्ली. भाजपा की नींव का पत्थर राजमाता विजयाराजे सिंधिया(Rajmata Vijaya Raje Scindia) की आज जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने tweet करके उन्हें श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री ने दो पुराने फोटो शेयर करके लिखा-राजमाता विजया राजे सिंधिया जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उनका जीवन पूरी तरह से जन सेवा को समर्पित था। वह साहसी और दयालु थी। अगर भाजपा एक ऐसी पार्टी के रूप में उभरी है जिस पर जनता भरोसा करती है, तो इसका कारण यह है कि हमारे पास राजमाता जी जैसे दिग्गज थे जिन्होंने लोगों के बीच काम किया और पार्टी को मजबूत किया।

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पिछले साल मोदी ने राजमाता पर सिक्का जारी किया था
राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पिछली जयंती पर पीएम ने 100 रुपए का सिक्का जारी किया था। तब मोदी ने कहा था-'राजमाता जी कहती भी थीं, मैं एक पुत्र की नहीं, मैं तो सहस्त्रों पुत्रों की मां हूं। हम सब उनके पुत्र-पुत्रियां ही हैं, उनका परिवार ही हैं। ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता जी की स्मृति में 100 रुपए के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन करने का मौका मिला। राजमाता विजयाराजे सिंधिया एक निर्णायक नेता और कुशल प्रशासक भी थीं। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की।'

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राजमाता के बारे में
विजया राजे सिंधिया (12 अक्टूबर 1919 - 25 जनवरी 2001) का जन्म मध्य प्रदेश के सागर जिले में राणा परिवार में ठाकुर महेंद्र सिंह एवं चूड़ा देवेश्वरी देवी के घर हुआ था। वे अपने पिता की सबसे बड़ी संतान थीं। इनके पिता जालौन जिले के डिप्टी कलेक्टर हुआ करते थे। इनके बचपन का नाम लेखा देवेश्वरी देवी था। मां ठाकुर महेंद्र सिंह की दूसरी पत्नी थीं। वे नेपाली सेना के पूर्व कमांडर-इन-चीफ जनरल राजा खड्ग शमशेर जंग बहादुर राणा की बेटी थीं, जो नेपाल के राणा वंश के संस्थापक, जंग बहादुर कुंवर राणा के भतीजे थे। विजया राजे के जन्म के समय उनकी मृत्यु हो गई थी। (विकीपीडिया से साभार)

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