सार
वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज ने सोमवार को वडोदरा में सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। भारत ने 56 C-295 विमान खरीदने के लिए एयरबस कंपनी के साथ समझौता किया है। इसके तहत वडोदरा में 40 विमान बनाए जाएंगे। 16 विमान तैयार हालत में भारत को मिलेंगे।
56 C-295 विमान खरीदने के लिए 21,935 करोड़ रुपए में हुआ था सौदा
2021 में भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पेन के एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए के साथ 56 C-295 विमान खरीदने का सौदा किया था। इसपर 21,935 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। C-295 ट्रांसपोर्ट प्लेन है। ये विमान भारतीय वायु सेना में पुराने एवरो-748 की जगह लेंगे।
सौदे के अनुसार एयरबस कंपनी पहले 16 विमान तैयार हालत में भारत को देगी। इसके बाद भारत में बनने वाले 40 विमान इंडियन एयर फोर्स को मिलेंगे। वडोदरा में बना पहला विमान सितंबर 2026 तक वायु सेना को मिलेगा। अगस्त 2031 तक वायुसेना को सभी 56 विमान मिल जाएंगे।
क्यों खास है C-295 विमान?
C-295 एक ट्रांसपोर्ट विमान है। इसका इस्तेमाल सैनिकों और हथियार व गोला-बारूद जैसे सामान ढोने के लिए किया जाता है। यह इसमें दो टर्बोप्रॉप इंजन लगे हैं। यह 5-10 टन वजन लेकर उड़ान भर सकता है। सभी 56 C-295 विमान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा बनाए गए स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे।
यह खराब और छोटे रनवे से भी उड़ान भर सकता है और वहां लैंड कर सकता है। इस क्षमता के चलते इसका इस्तेमाल अग्रिम मोर्चे तक सैनिकों और सामान को पहुंचाने में होता है। इन विमानों का इस्तेमाल सैनिकों को हवाई रास्ते से जंग के मैदान में उतारने में भी होता है। इसे जमीन पर उतरने के लिए 320 मीटर और उड़ान भरने के लिए 670 मीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है।
C-295 विमान में सवार हो सकते हैं 71 सैनिक
C-295 विमान में 71 सैनिक सवार हो सकते हैं। इसमें 50 पैराट्रूपर्स सवार होते हैं। इस विमान को तेल टैंकर के रूप में हवा में दूसरे विमान में इंधन भरने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। C-295 विमान अधिकतम 9250kg वजन लेकर उड़ सकता है। इसकी रफ्तार 474km/h और अधिकतम रेंज 4,500km है।
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