प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 में क्रिकेटर वैभव समेत 20 बच्चों को सम्मान। पीएम मोदी बोले-Gen Z और Gen Alpha बनाएंगे विकसित भारत। वीर बाल दिवस पर जानिए सभी विजेताओं की प्रेरक कहानियां।
PM National Veer Bal Diwas 2025: वीर बाल दिवस 2025 के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 20 होनहार बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जेन Z और जेन अल्फा ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की सबसे बड़ी ताकत हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के हर विजेता को एक मेडल और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके साथ विजेताओं को 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार भी मिलता है। तो आखिर कौन हैं ये 20 बच्चे? किसने खेल में नाम कमाया, किसने जान बचाई और किसने तकनीक से दुनिया को चौंकाया-आइए एक-एक करके जानते हैं।
क्या ये बच्चे भारत का भविष्य बदल देंगे?
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा-“Gen Z और Gen Alpha ही विकसित भारत का रास्ता तय करेंगे।”
1. वैभव सूर्यवंशी: 14 साल का क्रिकेट रिकॉर्ड ब्रेकर
राज्य: बिहार
वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट की दुनिया में कम उम्र में बड़ा नाम कमा लिया है। अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले वैभव ने विजय हजारे ट्रॉफी में शतक जड़कर लिस्ट-A क्रिकेट में सबसे युवा शतकवीर बनने का रिकॉर्ड बनाया। इसी वजह से उन्हें वीर बाल पुरस्कार मिला।
2. श्रवण सिंह: 10 साल की उम्र में सैनिकों की सेवा
स्थान: फिरोजपुर, पंजाब
श्रवण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा पर तैनात जवानों को दूध, चाय, छाछ और नाश्ता पहुंचाया। इतनी छोटी उम्र में देशभक्ति और सेवा भावना ने उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का हकदार बना दिया।
3. वाका लक्ष्मी प्रज्ञिका: 7 साल की वर्ल्ड चैंपियन
राज्य: गुजरात
फिडे वर्ल्ड स्कूल चेस चैंपियनशिप U-7 में सभी 9 मैच जीतकर गोल्ड। इतनी कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि—खेल कैटेगरी में पुरस्कार।
4. विश्वनाथ कार्तिकेय: सात समिट चैलेंज पूरा
राज्य: तेलंगाना
16 साल में हर महाद्वीप की ऊंची चोटी फतह करना आसान नहीं। पर्वतारोहण में ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सम्मान।
5. योगिता मंडावी: नक्सल क्षेत्र से राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी
राज्य: छत्तीसगढ़
अनाथ होने के बावजूद हार नहीं मानी। राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतकर साबित किया—हालात नहीं, हौसला मायने रखता है।
6. अनुष्का: मजदूर की बेटी, राष्ट्रीय फुटबॉलर
राज्य: झारखंड
मां दिहाड़ी मजदूर, पिता बीमार-फिर भी अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम तक का सफर तय किया।
7. आयशी प्रिषा बोराह: कचरे से इनोवेशन
राज्य: असम
वेस्ट पेपर से पेंसिल, ग्रेवॉटर रीसायकल सिस्टम—वो भी बिना बिजली। पर्यावरण और विज्ञान में कमाल।
8. वंश: समाज सेवा में मिसाल
स्थान: चंडीगढ़
कम उम्र में समाज के लिए काम, “परीक्षा पर चर्चा” में भी सराहना—सामाजिक सेवा के लिए पुरस्कार।
9. जोशना साबर: एशियन रिकॉर्ड होल्डर
राज्य: ओडिशा
40 किलो वेटलिफ्टिंग में एशियाई यूथ रिकॉर्ड—मजदूर पिता की बेटी ने इतिहास रचा।
10. पूजा: बिना धूल वाली थ्रेसर मशीन
राज्य: उत्तर प्रदेश
वायु प्रदूषण रोकने वाली मशीन बनाकर पर्यावरण कैटेगरी में पुरस्कार।
11. सुमन सरकार: तबले का उस्ताद
राज्य: पश्चिम बंगाल
13 साल का अनुभव, 43 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड—कला और संस्कृति में चमकता नाम।
12. एस्तेर लालदुहावमी: 9 साल की यूट्यूब स्टार
राज्य: मिजोरम
20 मिलियन फॉलोअर्स, अमित शाह से गिटार-संगीत से पहचान।
13. शिवानी उप्परा: दिव्यांग पैरा एथलीट
राज्य: आंध्र प्रदेश
17 साल की उम्र में खेल में उत्कृष्टता-हौसले की मिसाल।
14. मोहम्मद सिद्दान: करंट से दोस्तों की जान बचाई
राज्य: केरल
लकड़ी से करंट हटाकर दो बच्चों को बचाया-साहस के लिए सम्मान।
15. अजय राज: मगरमच्छ से पिता को बचाया
राज्य: उत्तर प्रदेश
आगरा के 9 साल के अजय राज ने लकड़ी से मगरमच्छ पर वार कर पिता को बचाया-अद्भुत साहस।
16. अर्णव महर्षि: AI इनोवेशन
राज्य: महाराष्ट्र
AI सॉफ्टवेयर को सरकारी पेटेंट-साइंस कैटेगरी में पुरस्कार।
17. कमलेश कुमार (मरणोपरांत)
राज्य: बिहार
बिहार के कैमूर जिले के कमलेश कुमार ने दुर्गावती नदी में डूबते बच्चे को बचाने के लिए छलांग लगाई। बच्चे की जान बच गई, लेकिन कमलेश खुद शहीद हो गए। उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिया गया।
18. व्योमा प्रिया (मरणोपरांत)
राज्य: तमिलनाडु
व्योमा प्रिया ने एक 6 साल के बच्चे को करंट से बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। उनका पुरस्कार उनकी मां ने लिया। यह साहस आज पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
19. 9 साल की यूट्यूब स्टार एस्तेर कैसे बनीं इंटरनेट सेंसेशन?
राज्य: मिजोरम
मिजोरम की एस्तेर लालदुहावमी हनामते के यूट्यूब पर 20 मिलियन फॉलोअर्स हैं।


