सार
तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को वकीलों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर कुछ कहासुनी हो गई थी। यह विवाद कार पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। वकीलों का कहना है कि पुलिस ने वकील को लॉकअप के सामने कार खड़ी करने से रोका था।
नई दिल्ली. तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के पांचवें दिन साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अलग ही तस्वीर देखने को मिली। वकीलों ने कोर्ट आने वाले लोगों का फूल देकर स्वागत किया। लेकिन उन्होंने अदालती कामकाज में भाग नहीं लिया। पुलिस को अदालत परिसर के अंदर आने दिया जा रहा है। 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद बुधवार को वकीलों ने साकेत कोर्ट का गेट बंद प्रदर्शन किया था।
कार पार्किंग को लेकर हुआ था विवाद
तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को वकीलों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर कुछ कहासुनी हो गई थी। यह विवाद कार पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। वकीलों का कहना है कि पुलिस ने वकील को लॉकअप के सामने कार खड़ी करने से रोका था।
वकील को लॉकअप में बंद कर पीटने का आरोप
आरोप लगा कि वकील से कहासुनी के बाद उसे लॉकअप में बंद कर पीटा गया। इसे लेकर जब वकीलों ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई। यहां तक की पुलिसकर्मी ने फायर भी किया, इसमें एक वकील भी घायल हुआ, इसके बाद विवाद और बढ़ गया।
20 जवान और 8 वकील घायल हुए थे
झड़प में करीब 20 जवान और 8 वकील घायल हुए थे। 20 वाहनों को भी आग लगा दी गई थी। इस घटना पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को ही संज्ञान लिया। साथ ही कोर्ट ने पुलिस के दो अफसरों का तबादला कर दिया साथ ही दो को संस्पेंड कर दिया। इसके अलावा कोर्ट ने घायल वकीलों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया। घटना की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।