प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कर्नाटक के मलखेड में नगारा बजाया। वह किसी माहिर कलाकार की तरह नगारा बजा रहे थे। नगारा की धुन सुन लोग उत्साहित हो गए और झूमने लगे। 

मलखेड (कर्नाटक)। कर्नाटक के मलखेड में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अलग ही रंग में नजर आए। उन्होंने सभा के दौरान पारंपरिक नगारा बजाया। इसे आदिवासियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यों के दौरान बजाया जाता है। 

प्रधानमंत्री द्वारा बजाए जाने के लिए नगारा को मंच पर रखा गया था। पीएम आए और दोनों हाथों को ऊपर उठाकर पहले जनता का अभिवादन किया। इसके बाद नगारा बजाने लगे। नगारा पर पीएम का हाथ काफी तेजी से चल रहा था। वह किसी माहिर कलाकार की तरह नगारा बजा रहे थे। नगारा की धुन सुन लोग उत्साहित हो गए और झूमने लगे। इस दौरान सभा में मौजूद हजारों लोगों ने खूब तालियां बजाई। 

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आदिवासियों के योगदान को पहचान दे रही हमारी सरकार 
सभा में प्रधानमंत्री ने कहा, "आदिवासी कल्याण के लिए हमारी सरकार संवेदनशील है। सरकार आदिवासियों के योगदान और उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान दे रही है। दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रावधान बीते 8 वर्षों में किए गए हैं। हमारी सरकार ने बंजारा समुदाय और घूमंतु-अर्ध घूमंतु समुदाय के लिए विशेष विकास और कल्याण बोर्ड का गठन किया है। हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।" 

मेडिकल कोटे में दिया ओबीसी को आरक्षण
पीएम ने कहा, "हमारी सरकार ने एससी/एसटी समुदायों के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई मूल भाषा में कराने का प्रावधान शुरू किया। हमारी सरकार ने ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया। हमारी सरकार ने केंद्र सरकार की ग्रुप-सी और ग्रुप-डी भर्तियों में इंटरव्यू की बाध्यता खत्म की।"

खानाबदोश समुदायों को दिया सरकारी योजनाओं का लाभ
मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा लगाई गई मुद्रा योजना का 70 फीसदी लाभ महिलाओं को मिल रहा है। स्वनिधि योजना से रेहड़ी पटरी वालों को कम ब्याज पर लोन मिल रहा है। महिलाओं ओर वंचित वर्ग के लोगों को हमारी सरकार नए अवसर प्रदान कर रही है। खानाबदोश समुदायों को लंबे समय से मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा गया है। हमारी सरकार इन समुदायों को कैशलेस स्वास्थ्य लाभ, मुफ्त राशन के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है। इससे इनके बीच नई आकांक्षाएं पैदा हो रही हैं।

दशकों तक बंजारा समुदाय को किया गया नजरअंदाज
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने सुशासन और सद्भाव का वो रास्ता चुना है जो वर्षों पहले भगवान बस्वेश्वरा ने दिया था। भगवान बस्वेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का मॉडल दुनिया को दिया। उन्होंने हमें भेदभाव से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग दिखाया था। 

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उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी बंजारा समुदाय को नजरअंदाज किया गया। जिन लोगों ने इस देश पर लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने बंजारा समुदायों की कभी परवाह नहीं की। सिर्फ उनका वोट लिया। कर्नाटक में पक्के घर, पानी के कनेक्शन, रसोई गैस कनेक्शन सहित सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ बंजारा समुदाय को मिल रहा है। कर्नाटक में अधिक समय तक राज करने वाली एक पार्टी ने बंजारा समाज को केवल अपना वोट बैंक बनाने पर ध्यान दिया। इनके विकास के बारे में नहीं सोचा गया। टांडा के लोगों ने दशकों तक कठिनाइयों का सामना करते हुए संघर्ष किया है। कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने पर चीजें बदल गई हैं।

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