सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च को श्रीलंका की अगुवाई में आयोजित बंगाल की खाड़ी के करीबी देशों के सहयोग संगठन बिम्सटेक(BIMSTEC) के शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। यह सम्मेलन करीब 4 साल बाद हो रहा है। श्रीलंका के कोलंबो में हो रहे इस शिखर सम्मेलन का विषय-'बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था, और स्वस्थ लोग' है।
नई दिल्ली. करीब 4 साल बाद 30 मार्च को बंगाल की खाड़ी के करीबी देशों के सहयोग संगठन बिम्सटेक(BIMSTEC) का शिखर सम्मेलन हो रहा है। श्रीलंका की अगुवाई में कोलंबो में हो रहे इस शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra) ने वर्चुअली संबोधित किया। इस शिखर सम्मेलन का विषय-'बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था, और स्वस्थ लोग' है। बता दें कि इससे पहले यह शिखर सम्मेलन नेपाल के काठमांडु में अगस्त 2018 में हुआ था। तब इसका विषय-'एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत विकास वाली बंगाल का खाड़ी क्षेत्र' था।
बिम्सटेक को भारत देगा 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर
बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनाए। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय केपरिचालन बजट को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा। बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।
सुरक्षा पुल बनाने का समय
मोदी ने कहा-बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा के लिए एक पुल बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों का आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें।
मोदी ने कहा- हम नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। हम आपराधिक मामलों पर आपसी कानूनी सहायता पर एक संधि पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं। यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संदर्भ में क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गई है। आज हम अपने समूह के लिए संस्थान की संरचना विकसित करने के लिए बिम्सटेक चार्टर अपना रहे हैं।
स्टार्टअप के आदान-प्रदान पर जोर
मोदी ने कहा- हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअपके बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ हमें ट्रेड फ़ैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप के डेवलपमेंट से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है, इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है।
भारत ने की थी BIMSTEC के गठन की पहल
इस समय श्रीलंका BIMSTEC का अध्यक्ष है। अब यह जिम्मेदारी इस शिखर सम्मेलन में थाइलैंड को सौंपी जाएगी। भारत की पहल पर जून 1997 में 'बिस्ट-ईसी' समूह (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) की स्थापना के साथ शुरू हुआ था। बाद में म्यांमार (दिसंबर 1997), नेपाल और भूटान (फरवरी 2004) की एंट्री के बाद मौजूदा 'बिम्सटेक' समूह गठित हुआ।
क्या है ये बिम्सटेक (BIMSTEC)
पहले बता दें कि इसका पूरा नाम क्या है। इसे बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) कहते हैं। इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं। इनमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका हैं, जबकि म्यांमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं। संगठन का उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए माहौल तैयार करना, सामाजिक और अब हेल्थ से जुड़े मुद्दों में प्रगति में लाना और क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है। भारत के लिए यह संगठन कई कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला-भारत की सीमा सटे क्षेत्रों को प्रधानता देते हुए संबंध मजबूत बनाना। यह भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से भी जोड़ता है। यह पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश और म्यांमार के माध्यम से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र से जोड़ता है। यानी यहां के विकास के लिए इन देशों का सहयोग जरूरी है।
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आतंकवाद से लड़ने में भी मदद मिलेगी
BIMSTEC में भारत 'सुरक्षा सहयोग' विषय की अगुवाई कर रहा है। भारत का पूरा फोकस आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए सीमावर्ती देशों की मदद से मजबूत कानूनी मानदंड स्थापित करने पर जोर है। इसके अलावा प्रवर्तन एजेंसियों के बीच करीबी सहयोग की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में भी काम करना है।
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His Excellency, President of Sri Lanka,
BIMSTEC सदस्य देशों के मेरे मित्र और साथी leaders, बिम्सटेक के सेक्रेटरी जनरल, नमस्कार! आज पांचवीं बिम्सटेक समिट में आप सबसे मिल कर मैं बहुत ही प्रसन्न हूँ। बिम्सटेक की स्थापना का यह 25वां वर्ष है, इसलिए आज की समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।
Excellencies,
पिछले दो सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्स ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। सबसे पहले मैं उनका अभिनन्दन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी Covid-19 pandemic के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।
पिछले कुछ सप्ताहों के यूरोप के developments से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। इस संदर्भ में, बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता देना भी अनिवार्य हो गया है।
Excellencies,
आज हमारे बिम्सटेक Charter को adopt किया जा रहा है। एक संस्थागत architecture की ओर हमारे प्रयासों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए मैं अध्यक्ष महोदय का आभार व्यक्त करता हूँ। Charter में हमने हर दो सालों में summit मीटिंग्स और सालाना विदेश मंत्रियों की बैठक का निर्णय लिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं। अब हमें अपना ध्यान इस बात पर focus करना चाहिए कि इस architecture को और मजबूत कैसे बनाया जाए।
इस संदर्भ में सेक्रेटरी जनरल का सुझाव है कि एक Eminent Persons Group का गठन किया जाए, जो एक vision document तैयार करेगा। मैं इस सुझाव से सहमत हूं। बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनायें। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के operational budget को बढ़ाने के लिए one मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।
Excellencies,
हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और start-ups के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए।इसी के साथ, हमें Trade Facilitation के क्षेत्र में international norms को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। इससे intra-बिम्सटेक trade और economic integration को बढ़ावा मिलेगा। इस संदर्भ में, Indian Council for Research on International Economic Relations, ADB के साथ मिल कर, हमारे अधिकारियों की जागरूकता बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने वाला है। मैं आशा करता हूं कि सभी देशों के संबंधित अधिकारी इसमें नियमित रूप से शामिल होंगे।
Excellencies,
हमारे बीच बेहतर इंटीग्रेशन, बेहतर व्यापार, बेहतर people-to-people संबंधों का मुख्य आधार बेहतर Connectivity है। इस पर हम जितना भी जोर दें, कम है।आज हमने बिम्सटेक के Master Plan for Transport Connectivity को अडॉप्ट किया है। इसे तैयार करने के लिए मैं ADB का आभार व्यक्त करता हूँ। हमें इस Master Plan के शीघ्र implementation पर जोर देना चाहिए।
इसी के साथ, connectivity के क्षेत्र में पहले से चल रहे initiatives पर भी हमें तेज़ी से आगे बढ़ना होगा।Bay of Bengal में एक 'coastal shipping ecosystem' स्थापित करने के लिए एक कानूनी फ्रेमवर्क शीघ्र विकसित करना आवश्यक है। Electricity grid inter-connectivity को भी चर्चाओं से आगे ले जाकर धरातल पर उतारने का समय आ गया है। इसी तरह Road connectivity बढ़ाने के लिए भी एक legal framework की स्थापना महत्वपूर्ण है।
Excellencies,
हमारे क्षेत्र पर हमेशा से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहा है। Disaster management, विशेषकर disaster risk reduction पर सहयोग के लिए, बिम्सटेक Centre for Weather and Climate एक महत्त्वपूर्ण संस्था है। और इसे सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूँगा। इस Centre के कार्य को पुनः शुरू करने के लिए भारत तीन मिलियन डॉलर का योगदान करने को तैयार है।
भारत ने हाल में तीसरी बिम्सटेक Disaster Management Exercise ''पैनेक्स-21'' आयोजित की। इस तरह की exercises नियमित रूप से होनी चाहिए। ताकि हमारे अधिकारीयों के बीच disaster के समय साथ काम करने की institutional व्यवस्था मजबूत हो।
Excellencies,
Quality Education संबंधित Sustainable Development Goals को प्राप्त करना हम सभी की राष्ट्रीय नीतियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली बिम्सटेक Scholarship योजना का विस्तार करने और उसका दायरा बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम बंगाल की खाड़ी को केंद्र में रखते हुए Marine Sciences पर joint research को बढ़ावा देने का भी प्रयत्न कर रहे हैं।कृषि क्षेत्र सभी बिम्सटेक देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है। हमारे बीच value-added कृषि products की regional value chains बनाने की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए हमने भारत के एक संस्थान-RIS - को व्यापक अध्ययन करने का कार्य दिया है।
Excellencies,
सुरक्षा के बिना हमारे क्षेत्र की समृद्धि या विकास सुनिश्चित करना असंभव है।काठमांडू में हमारी चौथी summit में हमने आतंकवाद, trans-national crime और non ट्रेडिशनल threats के खिलाफ क्षेत्रीय कानूनी ढांचे को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया था। हमने अपनी law enforcement एजेंसीज के बीच सहयोग बढ़ाने का भी फैसला किया था। मुझे ख़ुशी है कि हमारा Convention to combat terrorism पिछले साल से सक्रिय हो गया है। आज की summit के दौरान हमारे बीच mutual legal assistance treaty on criminal matters पर भी हस्ताक्षर हो रहे हैं। इसी तरह के अन्य instruments पर भी हमें तेज़ी से आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हमारी कानूनी व्यवस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय बन सके।
आज हमारे diplomatic training institutes के बीच सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर हो रहे हैं। ऐसा ही agreement हम अपने law enforcement training institutes के बीच भी कर सकते हैं। भारत की Forensic Science University अपनी फ़ील्ड में एक unique और world class संस्था है। हम इसमें बिम्सटेक देशों के पुलिस और forensic officials के लिए capacity building की व्यवस्था भी कर सकते हैं।
Excellencies,
आज जब हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और economic security की चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमारे बीच एकजुटता और सहयोग समय की मांग है। आज समय है Bay of Bengal को Bridge of Connectivity, Bridge of Prosperity, Bridge of Security बनाने का।मैं आप सब का आह्वान करता हूं कि 1997 में जिन लक्ष्यों के लिए हमने साथ-साथ चलने का निर्णय लिया था, उनकी प्राप्ति के लिए हम एक नए जोश, नयी उर्जा के साथ फिर से अपने आप को समर्पित करें।
प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-छा, बिम्सटेक के अगले अध्यक्ष के रूप में, मैं थाईलैंड का स्वागत करता हूं, और शुभकामनाएं देता हूं।
आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद!