सार

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में वी नारायणसामी की सरकार गिरते ही राजनीति गर्मा गई है। 22 फरवरी को कांग्रेस की अगुवाई वाली इस सरकार ने सरेंडर कर दिया था। अब पूर्व मुख्यमंत्री नारायणसामी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि अगर राज्य में उसकी सरकार बनी, तो पुडुचेरी की पहचान मिटा दी जाएगी। उसका तमिलनाडु में विलय कर दिया जाएगा।
 

 

पुडुचेरी. सरकार गिरने के बाद वी नारायणसामी के तेवर तल्ख हो गए हैं। वे भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को लेकर मुखर हैं। बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 22 फरवरी को कांग्रेस की अगुवाई वाली वी नारायणसामी की सरकार ने सरेंडर कर दिया था। अब पूर्व मुख्यमंत्री नारायणसामी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि अगर राज्य में उसकी सरकार बनी, तो पुडुचेरी की पहचान मिटा दी जाएगी। उसे तमिलनाडु में विलय कर दिया जाएगा।

जानिए क्या कहा नारायणसामी ने

  • नारायणसामी ने बुधवार को कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को भाजपा, एआईएनआरसी और अन्नाद्रमुक गठबंधन को वोट नहीं देना चाहिए। अगर इनकी सरकार बन गई, तो ये पुडुचेरी की पहचान खत्म कर देंगे। उसका विलय तमिलनाडु में कर दिया जाएगा।
  • नारायणसामी यहां एक सभा में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर अलोकतांत्रिक और अनैतिक तरीके से उनकी सरकार को गिराया। 
  • नारायणसामी ने उदाहरण देते कहा कि जून, 2016 में  उनकी सरकार बनने से पहले ही केंद्र सरकार ने मई में पूर्व आईएएस किरण बेदी को पुडुचेरी का उप राज्यपाल बनाकर भेज दिया। यह एक साजिश थी।
  • नारायणसामी ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की करारी हार होगी। उसके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी।

अब यह भी जानें...
कांग्रेस के 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी की सरकार खतरे में आ गई थी। सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस गठबंधन में शामिल DMK के एक-एक और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी। यहां बहुमत के लिए 14 विधायक चाहिए थे। कांग्रेस के पास 12 बचे थे, जबकि विपक्ष के पास 14 विधायकों का समर्थन था।

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