Chinese Media on India-Russia Relations: चीनी मीडिया का कहना है कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत रूस से ऊर्जा साझेदारी नहीं तोड़ सकता। पुतिन की भारत यात्रा से दोनों देशों के मजबूत भरोसे, स्वतंत्र विदेश नीति और आर्थिक सहयोग का साफ संदेश गया है।
Chinese Media on Putin India Visit: भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास बॉन्डिंग देखने को मिल रही है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने भारत-रूस संबंधों को ध्रुव तारे की तरह अटल बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने पिछले 80 सालों में कई उतार-चढ़ाव, संघर्ष और संकट देखे हैं, लेकिन इन सबके बीच भारत और रूस की दोस्ती हमेशा एक जैसी चमकती रही है, बिल्कुल उस ध्रुव तारे की तरह, जो रात के आसमान में अपनी जगह कभी नहीं बदलता। पुतिन के इस दौरे को दुनियाभर की मीडिया कवर कर रही है। चीनी मीडिया भी इस विजिट को बेहद करीब से देख रहा है। उनका कहना है कि यह दौरा उस समय हो रहा, जब दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच तनाव अपने चरम पर है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर रूस से तेल खरीदना रोकने का दबाव लगातार बढ़ा रहे हैं। चीनी मीडिया का साफ कहा कि 'भारत और रूस की एनर्जी पार्टनरशिप इतनी गहरी है कि इसे तोड़ना आसान नहीं।'
चीन का दावा: भारत के लिए रूस से दूरी बनाना मुश्किल
चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने एक्सपर्ट्स के हवाले से रिपोर्ट किया कि भारत की ऊर्जा जरूरतें इतनी बड़ी हैं कि वह रूस को तुरंत छोड़ नहीं सकता। इंडो-रशियन एनर्जी सप्लाई को वे 'क्रूशियल और नॉन-नेगोशिएबल' बता रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने प्रोफेसर ली हैडोंग के बयान छापे। जिनके अनुसार, 'भारत और रूस के बीच मजबूत सपोर्ट और गहरी समझ है। अमेरिका और पश्चिमी देशों का दबाव न भारत पर चलेगा, न रूस पर।'
पुतिन का इंडिया आना सिंबॉलिक लेकिन स्ट्रॉन्ग- चीन
बीबीसी न्यूज ने अपने एक आर्टिकल में बताया कि फुदान यूनिवर्सिटी के साउथ एशिया एक्सपर्ट लिन मिनवांग ने कहा कि पुतिन की यह यात्रा 'सिंबॉलिक' है। उनका कहना है कि 2022 के बाद रूस लगातार भारत से हाई-लेवल एंगेजमेंट चाहता रहा है, जबकि भारत चीजों को थोड़ा लो ही रख रहा था। लेकिन एक लाइन सबसे ज्यादा चर्चा में है है कि 'रूस लंबे समय से भारत की फॉरेन पॉलिसी में स्ट्रैटेजिक सेफ्टी नेट रहा है।' चीन का संकेत है कि भारत चाहे तो रिश्ते को और गहरा करेगा, लेकिन भविष्य अनिश्चित है, क्योंकि ग्लोबल सीन तेजी से बदल रहा है।
पुतिन-मोदी की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस ने दुनिया को दिया क्लियर मैसेज
शुक्रवार को मीटिंग के बाद पुतिन ने दुनिया को सीधा संदेश दिया कि 'भारत और रूस के बीच गहरे आर्थिक रिश्ते बिल्कुल नैचुरल हैं और यह और बढ़ेंगे।' इस वक्त जब अमेरिका खुलकर कह रहा है कि भारत रूस से तेल न खरीदे, पुतिन ने आगे बढ़कर यह भी कहा, 'भारत को ईंधन की सप्लाई बिना रुके जारी रखेंगे।' यानी भारत पर दबाव हो सकता है, लेकिन रूस अपना स्टैंड नहीं बदलेगा।
इंडिपेंडेंट फॉरेन पॉलिसी को दोनों देशों ने हाईलाइट किया
पुतिन ने कहा, टभारत और रूस स्वतंत्र विदेश नीति पर चलते हैं। दोनों मिलकर BRICS और SCO में मल्टीपोलर वर्ल्ड को मजबूत कर रहे हैं। यह विजिट हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करेगी।' यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ लगा चुके हैं, और आरोप लगाया कि भारत का तेल खरीदना 'यूक्रेन युद्ध को फंड' कर रहा है। लेकिन भारत का जवाब साफ है कि 'हम अपनी ट्रेड पॉलिसी राष्ट्रीय हित के हिसाब से तय करेंगे।'
ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस रिश्ते की रीढ़- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पुतिन की भारत के लिए 'अनवेवरिंग कमिटमेंट' की तारीफ की और कहा, 'एनर्जी सिक्योरिटी हमारे रिश्तों का सबसे मजबूत हिस्सा है।' इसके साथ दोनों देशों ने 2030 तक का आर्थिक सहयोग प्रोग्राम तय किया। जिसमें जॉब्स, हेल्थ, शिपिंग, केमिकल्स और कई सेक्टर्स शामिल हैं।


