भारतीय रेलवे ने खानपान नीति में बदलाव करते हुए स्टेशनों पर KFC, McDonald’s, Pizza Hut, Haldiram जैसे प्रीमियम फूड आउटलेट खोलने की मंजूरी दी है। आउटलेट ई-नीलामी से दिए जाएंगे और 1,200+ स्टेशन पुनर्विकास में शामिल हैं। जल्द बेहतर फूड सुविधाएं मिलेंगी।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपनी खानपान नीति में बड़ा बदलाव करते हुए यात्रियों को एक नया अनुभव देने की तैयारी कर ली है। जल्दी ही देश के कई रेलवे स्टेशनों पर KFC, McDonald's, Pizza Hut, Haldiram, Bikanervala जैसे लोकप्रिय फूड ब्रांड दिखाई दे सकते हैं। यह बदलाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रोज़ाना करीब 2.3 करोड़ लोग भारतीय रेलवे पर यात्रा करते हैं, और उनमें से कई यात्रियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि स्टेशनों पर बेहतर और भरोसेमंद फूड विकल्प होने चाहिए।

क्या स्टेशनों पर अब प्रीमियम फूड चेन खुलने वाली हैं? रेलवे ने बड़ा रास्ता खोल दिया है!

दक्षिण मध्य रेलवे ज़ोन ने रेलवे बोर्ड को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कहा गया था कि देशभर में जिन 1,200+ रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, वहां प्रीमियम सिंगल-ब्रांड फूड आउटलेट्स खोले जा सकते हैं। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में नए स्टेशन डिज़ाइन इस तरह बनाए जा रहे हैं कि उनमें आसानी से बड़े ब्रांडों के लिए जगह उपलब्ध हो सके। रेलवे बोर्ड ने प्रस्ताव पर विचार करते हुए खानपान नीति में संशोधन किया है, जिससे अब स्टेशन पर बड़े फूड ब्रांड्स के आउटलेट खोले जा सकेंगे। इसी कारण रेलवे ने नीतिगत बदलाव किया है, ताकि यात्रियों को साफ-सुथरा, स्वादिष्ट और ब्रांडेड खाना मिल सके।

कौन-कौन से ब्रांड अब रेलवे स्टेशन पर आउटलेट खोल सकेंगे?

नई नीति के अनुसार, निम्न ब्रांड स्टेशन पर आउटलेट खोल सकेंगे:

  • KFC
  • McDonald’s
  • Pizza Hut
  • Baskin Robbins
  • Haldiram
  • Bikanervala
  • Company-owned या फ्रैंचाइज़ी प्रीमियम ब्रांड्स

नीति क्या कहती है? क्या कोई बड़ा बदलाव हुआ है?

नई नीति के अनुसार ज़ोनल रेलवे जहां मांग और औचित्य हो, वहां कंपनी-ओन्ड, ऑपरेटेड या फ्रैंचाइज़ी आउटलेट की अनुमति दे सकेगा। इसके लिए स्टेशन के प्लान/ब्लूप्रिंट में जगह तय की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने साफ किया है कि कोई आरक्षण नीति नहीं बदलेगी, यानी SC, ST, OBC, स्वतंत्रता सेनानी, विस्थापित व्यक्ति-इन सभी के लिए पूर्व निर्धारित कोटा बरकरार रहेगा।

सबसे बड़ी बात यह है कि-

  • प्रीमियम ब्रांडों के स्टॉल अब नामांकन (Nomination) के जरिए नहीं दिए जाएंगे।
  • इन्हें केवल ई-नीलामी (e-auction) के माध्यम से आवंटित किया जाएगा।
  • हर आउटलेट की ऑपरेटिंग अवधि 5 साल तय की गई है।

इस बदलाव से पुराने स्टॉल सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि ये आउटलेट स्टेशन के मास्टर प्लान में अलग से जगह लेकर शामिल किए जाएंगे।

नए बदलाव में क्या नया जोड़ा गया है?

अभी तक रेलवे स्टेशनों पर 3 तरह के फूड स्टॉल होते थे:

  • Beverage stalls
  • Snack stalls
  • Tea/Milk/Juice stalls

अब इन तीनों के साथ एक नई श्रेणी जोड़ी गई है: Premium Brand Catering Outlet यानी वे आउटलेट जो केवल प्रीमियम, लोकप्रिय और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स चलाएंगे।

नई नीति से यात्रियों को क्या लाभ होगा?

  • भरोसेमंद और हाइजेनिक खाना
  • एक ही ब्रांड पूरे देश में उपलब्ध
  • रात के समय और लंबे इंतजार में भोजन की आसान सुविधा
  • स्टेशनों पर बेहतर अनुभव
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर की कैटरिंग क्वालिटी

क्या हर स्टेशन पर खुलेगा प्रीमियम आउटलेट?

  • जरूरी नहीं।
  • हर ज़ोनल रेलवे यह देखेगा:
  • उस स्टेशन पर यात्रियों की संख्या
  • उपलब्ध जगह
  • आउटलेट की मांग
  • आर्थिक व्यवहार्यता

जिन बड़े स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ ज़्यादा है, वहां ऐसे आउटलेट जल्द दिखाई दे सकते हैं।

रेलवे स्टेशन अब ‘फूड हब’ बनेंगे?

  • रेलवे का लक्ष्य है कि यात्रियों को सफर के दौरान बेहतरीन फूड अनुभव मिले, और स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस हों।
  • नई नीति से साफ है कि आने वाले समय में रेलवे स्टेशन केवल यात्रा का स्थान नहीं, बल्कि मिनी फूड कोर्ट जैसे बन जाएंगे।

स्टेशन बदलेंगे, सफर बदलेगा-फूड एक्सपीरियंस भी लेवल-अप होगा!

रेलवे का यह कदम भारत में ट्रेवल क्वालिटी को नया स्वरूप देगा। आने वाले महीनों में जब आप किसी बड़े स्टेशन पर उतरेंगे, तो आपके सामने पिज़्ज़ा हट, केएफसी या हल्दीराम का बोर्ड दिखना बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं होगी।