लाल किले के पास i20 कार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी फरीदाबाद में 8-10 नवंबर की छापेमारी से घबरा गया था। जांच में जैश-ए-मोहम्मद व अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ, जिसमें भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए हैं।
Delhi Car Blast Updates: हरियाणा के फरीदाबाद में 8 से 10 नवंबर के बीच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी के चलते डॉक्टर उमर नबी बेहद घबरा गया था। इसी घबराहट और हताशा में उसने सोमवार 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट से भरी i20 कार को ब्लास्ट कर दिया। हालांकि, इस सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की पोल खुलनी तो 19 अक्टूबर से ही शुरू हो गई थी, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के आपत्तिजनक पोस्टर मिलने पर कुछ संदिग्धों के खिलाफ एक्शन लिया था।
कैसे खुली सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की पोल?
19 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस को श्रीनगर और नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के कुछ आपत्तिजनक पोस्टर मिले। इसके फौरन बाद, मौलवी इरफान अहमद और जमीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। 5 नवंबर को एक अन्य संदिग्ध, डॉक्टर अदील अहमद को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया।
अनंतनाग के अस्पताल से मिली AK-56
इसके बाद 8 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के एक अस्पताल में AK-56 राइफल और विस्फोटक बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान, इस मॉड्यूल में अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिली। इसके बाद अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया। सूचनाओं के आधार पर और गिरफ्तारियां की गईं और बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए।
इमाम के घर से मिला 2563 किलो विस्फोटक
10 नवंबर को मेवात की ढेरा कॉलोनी स्थित अल-फलाह मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद इश्तियाक के घर से 2563 किलो विस्फोटक ज़ब्त किया गया। बाद में पुलिस ने आस-पास के परिसर से 358 किलो विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और टाइमर भी बरामद किए। कुल मिलाकर 3,000 किलो अमोनियम नाइट्रेट, जिसे बम बनाने में इस्तेमाल किया जाता है, जब्त किया गया। हालांकि, इस एक्शन की भनक उमर नबी को लग चुकी थी और वो खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था।
छापेमारी से घबरा गया उमर उन नबी
दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी और भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद बढ़ते दबाव के चलते उमर नबी ने जल्दबाजी में कदम उठाया और लाल किले के पास सुभाष क्रॉसिंग सिग्नल पर आई20 कार को या तो उड़ा लिया या फिर जल्दबाजी में धमाका हो गया। जांचकर्ताओं को संदेह है कि पकड़े जाने के डर से डॉ. उमर ने जानबूझकर या गलती से विस्फोट किया होगा। हालांकि, ये बात जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कार में रखा बम समय से पहले ही फट गया था और पूरी तरह से डेवलप नहीं हुआ था, इसलिए इसका असर कम रहा।
जैश और अंसार गजवत-उल-हिंद से संपर्क में थे आतंकी
अधिकारियों ने कहा कि आतंकी मॉड्यूल पर लिए गए एक्शन ने एक बहुत बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया, वरना आतंकियों की पूरे भारत में बम धमाके करने की प्लानिंग थी। जिस 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल' का भंडाफोड़ हुआ है, उसके संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से थे। विदेशी हैंडलर पाकिस्तान और अन्य खाड़ी देशों से इस मॉड्यूल को संचालित कर रहे थे।
