फरीदाबाद में 2,900 किलो विस्फोटक मिलने पर डॉ. शाहीन सईद गिरफ्तार हुईं। जांच में उनके एक्स-हसबैंड हयात ने बताया कि दोनों 2012 में अलग हुए थे। परिवार ने कहा शाहीन से सालों से संपर्क नहीं था और उसके संदिग्ध गतिविधियों के कोई संकेत नहीं मिले।
Red Fort Blast Updates: दिल्ली के पास फरीदाबाद में किराए के दो कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया था। जिन कमरों से विस्फोटक मिला ये डॉ. मुजम्मिल गनई के थे, जो एक कश्मीरी डॉक्टर और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। पुलिस और जांच एजेंसियों ने लखनऊ में शाहीन के घरवालों और कानपुर में उसके एक्स हसबैंड हयात जफर से बात की। जफर ने शाहीन से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं।
शाहीन के सीनियर थे उसके एक्स-हसबैंड जफर हयात
लखनऊ से 80 किलोमीटर दूर कानपुर में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने डॉ. सईद के पूर्व पति डॉ. ज़फ़र हयात से पूछताछ की। डॉ. हयात ने बताया कि शाहीन की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें मंगलवार शाम को ही पता चला। हमारी शादी नवंबर 2003 में हुई थी और हम दोनों ने अलग-अलग मेडिकल की पढ़ाई की थी। मैं उससे सीनियर था। हालांकि, 2012 के आखिर में हमारा तलाक हो गया।
शाहीन ने अपनी शादी के अलावा कभी बुर्का नहीं पहना
अपने साथ बिताए सालों को याद करते हुए, डॉ. हयात ने बताया कि शाहीन ने अपनी शादी के अलावा कभी बुर्का नहीं पहना था। मैंने उसे कभी बुर्के में नहीं देखा। एक बार उसने मुझसे कहा था कि हम अच्छे पैसे और लाइफस्टाइल के लिए ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में क्यों नहीं बस जाते। इस पर मैंने उससे कहा था कि हम यहां पहले से ही अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। हमारे रिश्तेदार और सब यहां हैं, हम वहां अकेला महसूस करेंगे।
बड़े भाई शोएब ने शाहीन से नहीं की 4 साल से बात
लखनऊ में शाहीन सईद के बड़े भाई मोहम्मद शोएब ने कहा कि पुलिस और एटीएस अधिकारी उनके घर आए थे, लेकिन उनके साथ शिष्टाचार से पेश आए। उन्होंने घर की तलाशी ली और सामान्य तरीके से सवाल पूछे। उन्होंने न तो मेरे पिता और न ही मेरे साथ कोई बुरा व्यवहार किया। हमें कुछ भी कहने के लिए कोई दबाव या जबरदस्ती भी नहीं की गई। शोएब ने बताया कि हम भाई-बहनों ने चार साल से बात नहीं की है। हालांकि माता-पिता कभी-कभार उसकी खबर लेते थे।
शाहीन के संदिग्ध काम में शामिल होने के कोई संकेत नहीं मिले
शोएब ने कहा कि वह लखनऊ के बाहरी इलाके में आईआईएम रोड के पास उसके घर कभी नहीं गए। मुझे बस इतना पता था कि आईआईएम रोड पर कहीं उसका घर है। मुझे उसकी सही जगह भी नहीं पता। यहां तक कि शाहीन जब मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, तब भी उसके किसी संदिग्ध काम में शामिल होने का कोई संकेत नहीं मिला। मुझे अब भी उस पर लगे आरोपों पर भरोसा नहीं हो रहा।
शाहीन ने इलाहाबाद से की मेडिकल की पढ़ाई
डॉ. शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी ने कहा, मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मेरी बेटी ऐसी गतिविधियों में शामिल थी। उसने इलाहाबाद में मेडिकल की पढ़ाई की और बाद में फरीदाबाद में काम किया। मेरा सबसे बड़ा बेटा शोएब यहां मेरे साथ रहता है। दूसरे बेटे को कल गिरफ़्तार कर लिया गया। मेरा छोटा बेटा परवेज़ अंसारी, जिसके घर पर आज सुबह छापा मारा गया, बहुत पहले शहर छोड़ चुका है। मैंने शाहीन से आखिरी बार लगभग एक महीने पहले बात की थी, लेकिन परवेज से लगभग हर हफ्ते बात करता हूं।
