सार
आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को अस्वीकार करते हुए कहा कि कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल और अन्य जगहों पर रूट मार्च खुले में होता है। हम 6 नवंबर को तमिलनाडु रूट मार्च नहीं कर रहे हैं।
RSS route march in Tamil nadu: आरएसएस ने तमिलनाडु में रविवार को होने वाले रूट मार्च को नहीं करने का फैसला किया है। संघ ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को ठुकराते हुए इसके खिलाफ अपील करने की बात कही है। संघ को कोर्ट ने 50 जगहों की बजाय 3 जगहों पर रूट मार्च की अनुमति देने के साथ 44 जगहों पर जनसभा करने का आदेश दिया था। छह शहरों में किसी भी कार्यक्रम की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी थी। अदालत ने फैसला सुनाया कि आरएसएस को शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकालना चाहिए या परिणाम भुगतने चाहिए।
हर जगह खुले में होता है रूट मार्च, तमिलनाडु में क्यों नहीं?
आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को अस्वीकार करते हुए कहा कि कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल और अन्य जगहों पर रूट मार्च खुले में होता है। हम 6 नवंबर को तमिलनाडु रूट मार्च नहीं कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छह नवम्बर को राज्य के 50 जगहों पर रूट मार्च और जनसभाएं करना चाहती है। तमिलनाडु के विभिन्न शहरों व कस्बों में तय किए गए इन कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पुलिस व मजिस्ट्रेट से आवश्यक अनुमति मांगी थी। लेकिन पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया। सामाजिक तानाबाना बिगड़ने की बात कहते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देकर कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी।
अनुमति नहीं मिलने पर हाईकोर्ट पहुंचा संघ
राज्य पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए तमिलनाडु पुलिस की खिंचाई करते हुए कुछ संशोधन के साथ अनुमति देने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीके इलांथिरैयन ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट्स में जिन 50 जगहों पर कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई है उनमें से बहुत कम जगह ही संवेदनशील हैं जहां कानून-व्यवस्था का मसला हो सकता है। उन्होंने कहा कि इंटेलीजेंस रिपोर्ट पर पुलिस को विश्वास करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ जगह संवेदनशील इसलिए हैं क्योंकि वहां एक दशक से पहले कुछ मसला हुआ था और एफआईआर भी है। लेकिन अधिकतर जगहों पर जहां कार्यक्रम होने हैं, वहां इनकार करने लायक कोई मामला नहीं है। हाईकोर्ट के जस्टिस ने राज्य के 44 जगहों पर जनसभाओं के लिए अनुमति देने के लिए पुलिस को निर्देशित कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने तीन जगहों पर रूट मार्च के लिए अनुमति दी लेकिन रूट मार्च को किसी स्टेडियम या मैदान में करने को निर्देशित किया। कोर्ट की इस अनुमति को आरएसएस ने अस्वीकार करते हुए अपना रूटमार्च ही स्थगित कर दिया है।
छह संवेदनशील जगहों पर अनुमति से कोर्ट ने किया था इनकार
मद्रास हाईकोर्ट ने छह जगहों पर आरएसएस के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने कोयंबटूर, मेट्टुपालयम, पोलाची (कोयंबटूर डीटी), तिरुपुर जिले में पल्लादम, कन्याकुमारी में अरुमानई और नागरकोइल में आरएसएस के कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी है।
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