सार

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने तमिलनाडु में मंदिरों को राज्य सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। सदगुरु ने इसका ऐलान ट्विटर पर किया। साथ ही उन्होंने बताया कि वे 100 ट्वीट के जरिए राजनीतिक पार्टियों से इस आंदोलन के लिए अपील करेंगे।

नई दिल्ली.  ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने तमिलनाडु में मंदिरों को राज्य सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। सदगुरु ने इसका ऐलान ट्विटर पर किया। साथ ही उन्होंने बताया कि वे 100 ट्वीट के जरिए राजनीतिक पार्टियों से इस आंदोलन के लिए अपील करेंगे। मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त कराने का ये आंदोलन सदगुरु के जुड़ने से अब तेज हो रहा है। 

सद्गुरु के मुताबिक, मंदिरों की आजादी का आंदोलन ऐसा आंदोलन है, जो गहरी पीड़ा से शुरू होता है। सद्गुरु ने अपने ट्वीट में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और तमिलनाडु के सीएमओ को भी टैग किया है। 


क्या है सदगुरु का 100 ट्वीट वाला अभियान
सदगुरु इस अभियान के तहत, ईशा फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं और तमिलनाडु भर से भक्तों द्वारा बनाए गए मंदिरों, खंडर होते मंदिरों की दिल दहला देने वाली कहानियों को शेयर कर रहे हैं। वे इस बात को सामने ला रहे हैं कि कैसे "मंदिरों के शहर" के शानदार पवित्र मंदिर प्रशासन की अपेक्षा की वजह से दम तोड़ रहे हैं। 

खत्म हो जाएगी हमारी संस्कृति
सदगुरु ने कहा कि हजारों मंदिर खत्म होने की कगार पर हैं। अगर अभी कुछ हीं किया गया, तो हमारी संस्कृति और विरासत खो जाएगी।

पहले भी लिखा था पत्र
इससे पहले सद्गुरु ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी और विपक्ष के नेता एमके स्टालिन को पक्ष लिखा था। उन्होंने मांग कि है कि मंदिरों को आजाद करने संबंधी योजनाओं को चुनावी घोषणापत्रों में भी शामिल किया जाए। सदगुरु ने इस अपील को 'मंदिर को सरकारी नियंत्रण से आजाद कराने के लिए तमिल लोगों को पुकार' कहा है।