सार
Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times किताब पर विवाद छिड़ते ही सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब सनराइज ओवर अयोध्या (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) ने विवाद तो खड़ा ही किया था, उनकी एक दूसरी कितान एट होम इन इंडिया भी अब सुर्खियां बटोर रही है। सोशल मीडिया पर उनकी किताब एट होम इन इंडिया (At Home in India)के कुछ पन्ने शेयर किए जा रहे हैं जिसमें सिख नरसंहार को लेकर विवादित तरीके से लिखा गया है।
एट होम इन इंडिया के इस अंश को शेयर किया जा रहा
ट्वीटर यूजर आनंद रंगनाथन ने एक पेज शेयर किया है। यह पेज सलमान खुर्शीद के किताब एट होम इन इंडिया (At Home in India) की बताई जा रही है। इसमें लिखा है कि...
"मुसलमानों में भी एक भयानक संतुष्टि थी, जो विभाजन के अप्रिय परिणाम को पूरी तरह से नहीं भूले थे। हिंदू और सिख समान रूप से अपने 'पापों' के लिए भुगतान कर रहे थे।" [1984 के सिख नरसंहार पर सलमान खुर्शीद की किताब, एट होम इन इंडिया से]
10 नवम्बर को खुर्शीदी की किताब का हुआ विमोचन
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद( Salman Khurshid) की किताब सनराइज ओवर अयोध्या (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) का विमोचन 10 नवम्बर को किया गया। अयोध्या पर केंद्रित इस किताब का विमोन पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम (P.Chidambaram) ने किया। उन्होंने विमोचन के दौरान कहा कि जिस तरह से जेसिका (No One Killed Jessica) को किसी ने नहीं मारा, उसी तरह बाबरी मस्जिद को भी किसी ने नहीं गिराया। वे भाजपा पर तंज कस रहे थे।
किताब का विमोचन होते ही खड़ा हुआ विवाद
किताब पर विवाद छिड़ते ही सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि उन्होंने हिन्दुत्व की आतंकवाद से तुलना करके उसे बदनाम करने की कोशिश की है। वकील विवेक गर्ग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत करते हुए केस दर्ज करने का अनुरोध किया है। खुर्शीद ने किताब में जिक्र किया है कि हिंदुत्व ISIS और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी समूहों के समान है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने टिप्पणी करते हुए कहा-हम उस व्यक्ति से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, जिसकी पार्टी ने सिर्फ इस्लामी जिहाद के साथ समानता लाने के लिए मुस्लिम वोट पाने भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा।
चिदंबरम ने यह कहा था
चिदंबरम ने किताब के विमोचन पर कहा कि 6 दिसंबर 1992 को जो कुछ भी हुआ, वह बेहद गलत था। इसने संविधान को बदनाम किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक साल के अंदर सभी को बरी कर दिया गया। इसलिए जैसे किसी ने जेसिका को नहीं मारा, वैसे किसी ने बाबरी मस्जिद को नहीं गिराया। चिदंबरम ने यह भी जोड़ा कि यह निष्कर्ष उन्हें हमेशा परेशान करेगा कि जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, एपीजे अब्दुल कलाम के इस देश में और आजादी के 75 साल बाद भी यह कहते हुए शर्म नहीं आती कि किसी ने बाबरी मस्जिद को नहीं तोड़ा।
खुर्शीद ने की सुप्रीम कोर्ट की सराहना
किताब में सलमान खुर्शीद ने कहा कि अयोध्या विवाद को लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसका सही समाधान निकाला। कोर्ट ने अपने फैसले में काफी दूर देखने की कोशिश की है। यह एक ऐसा फैसला है, जिसमें ये न लगे कि कि हम हारे या तुम जीते। हालांकि खुर्शीद ने भाजपा पर तंज कसा कि भाजपा ने कभी ऐसा ऐलान तो नहीं किया कि वे जीत गए हैं, लेकिन इसके संकेत देते रहते हैं। खुर्शीद ने अयोध्या उत्सव पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अयोध्या उत्सव एक ही पार्टी का उत्सव है।
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