EC SIR Deadline Extension: चुनाव आयोग यूपी, बंगाल सहित कई राज्यों में SIR की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इस पर गुरुवार को अंतिम फैसला लिया जाएगा। एसआईआर मुद्दे पर बुधवार को सरकार और विपक्ष में तीखी तकरार देखने को मिली।
SIR Deadline Extension News: संसद से लेकर सड़क तक इन दिनों SIR की चर्चा जोरों पर है। बुधवार को भी लोकसभा में इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने सामने नजर आए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के आरोपों का एक-एक कर जवाब दिया और विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया। इस बीच SIR (Special Intensive Revision) को लेकर बड़ी खबर आ रही है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग (EC) उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में एसआईआर की डेडलाइन बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। आखिरी फैसला गुरुवार को होगा, जब EC के टॉप अधिकारी फॉर्म डिजिटाइजेशन और सबमिशन की प्रोग्रेस की समीक्षा करेंगे।
SIR की डेडलाइन क्यों बढ़ सकती है?
सूत्रों के अनुसार, सिर्फ यूपी ही नहीं, पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है, जहां EC डेडलाइन बढ़ाने पर राजी हो सकता है। इससे पहले केरल की समयसीमा 11 दिसंबर से बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दी गई थी। डेडलाइन बढ़ाने की सबसे बड़ी वजह कई राज्यों में विपक्ष का भारी विरोध, BLOs पर बढ़ता काम का बोझ और वोटर्स को हो रही दिक्कतें हैं।
EC का शेड्यूल ही गलत है- विपक्ष
कांग्रेस, TMC, CPI(M) और SP पहले से ही कह रहे थे कि SIR का शेड्यूल बिल्कुल इम्प्रैक्टिकल है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग को अब समझ आया कि पुरानी टाइमलाइन में रिविजन पूरा होना असंभव था। उन्होंने 2003 की तरह लंबा और व्यवस्थित शेड्यूल बनाने की मांग की। TMC ने SIR को 'गलत तरीके से तैयार' कहा। टीएमसी नेता जॉय प्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में 40 से ज्यादा लोगों (BLOs समेत) की मौत इस भारी काम के दबाव के कारण हुई। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में 16 करोड़ वोटर्स का सिर्फ एक महीने में वेरिफिकेशन करना असंभव है। उनके अनुसार, SIR वोटर्स और BLOs दोनों के लिए परेशानी बन चुका है।
SIR को लेकर कितना हुआ काम, कितना बाकी है?
डेडलाइन से एक दिन पहले EC ने अपडेटेड डेटा जारी किया है। 50.8 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म (Enumeration Forms) डिजिटाइज हो चुके हैं और 23.22 लाख फॉर्म अभी बाकी हैं। SIR फेज-2 के दौरान कुल 50.96 करोड़ फॉर्म बांटे गए। राज्यों की परफॉर्मेंस की बात करें तो अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी में 100% डिजिटाइजेशन और बाकी सभी राज्यों ने 99% से ज्यादा काम पूरा किया। केरल 98.5% पर है, इसलिए वहां पहले ही डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है। फेज-2 वाले राज्यों में कुल मतदाता 50.99 करोड़ तक हैं। यह आंकड़ा 27 अक्टूबर 2025 तक है।


