सार
एंटीलिया केस में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। NIA की कस्टडी में पूछताछ के दौरान सचिन वझे ने फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला देने वाला बयान दिया है। अवैध वसूली के चक्कर में गृहमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले अनिल देशमुख के बाद डिप्टी सीएम अजीत पवार और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब भी फंसते दिखाई दे रहे हैं। वझे ने दोनों पर जबरिया वसूली कराने का आरोप लगाया है।
मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक का केस रोज चौंकाने वाले मोड़ ले रहा है। इस मामले से जुड़े मनसुख हिरेन मर्डर और अवैध वसूली में फिर नया बयान सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) की कस्टडी में पूछताछ के दौरान मुंबई पुलिस के पूर्व API सचिन वझे ने फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला देने वाला बयान दिया है। अवैध वसूली के चक्कर में गृहमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले अनिल देशमुख के बाद डिप्टी सीएम अजीत पवार और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब भी फंसते दिखाई दे रहे हैं। वझे ने दोनों पर जबरिया वसूली कराने का आरोप लगाया है। सचिन 9 अप्रैल तक कस्टडी में है।
गुटखा कारोबारियों से 100 करोड़ की वसूली का मामला
सचिन वझे ने कोर्ट में पेशी के दौरान लिखित बयान पेश किया है। यह NIA की कस्टडी के दौरान दिया था। इसमें वझे ने महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब और डिप्टी सीएम अजीत पवार पर जबरिया वसूली के आरोप लगाए हैं। इसी मामले में अनिल देशमुख को गृहमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। अनिल देशमुख मामले की जांच CBI कर रही है। जबकि एंटीलिया से जुड़ा मामला NIA देख रही है। सचिन वझे ने बयान में कहा कि अजीत पवार के एक बेहद करीबी आदमी ने गुटखा कारोबारियों से 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की बात उसे बताई थी। वझे के इस पत्र से महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और शिवसेना नेता अनिल परब अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार रहे हैं, लेकिन यह तय है कि इस मामले से भूचाल आ गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने ट़्वीट करके कहा कि अब भाजपा यहां भी वैसी ही दवाब बनाएगी, जैसा अनिल देशमुख के मामले में बनाया था।
नेताओं के बयान
- गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सचिन वझे का पत्र बेहद गंभीर है। दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। महाराष्ट्र में जो हो रहा है, वह राज्य और पुलिस की छवि के लिए सही नहीं है। CBI जांच कर रही है। उम्मीद है कि जल्द सच्चाई सामने होगी।
- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि सचिन वझे ने जो पत्र लिखा है और पैसों की मांग को लेकर उल्लेख किया है, वह बहुत गंभीर बात है। अनिल देशमुख पर भी आरोप हैं। इसकी पूरी जांच और कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे लगता है कि सचिन वझे और शिवसेना का संबंध रहा है। वझे शिव सैनिक ही था। इस बीच अठावले शरद पवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा, 'उनसे मेरे बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। सुख-दुख में मिलना हमारी जिम्मेदारी है। उनकी तबीयत के बारे में जानने के लिए यहां आया था। उनकी तबीयत अभी ठीक है।'
- शिवसेना नेता संजय राउत गुरुवार को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के समर्थन में बोले। उन्होंने कहा कि परब ऐसा कभी नहीं कर सकते। ये राजनीतिक साजिश है।
- केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा-पिछले 30 दिन में महाराष्ट्र में ऐसी उथल-पुथल हो रही है और इतने रोज नए खुलासे हो रहे हैं कि उसका ट्रैक रखना भी मुश्किल हो रहा है। एक बात साफ हो गई है ये महाविकास अघाड़ी कहते हैं, लेकिन अब साबित हो गया कि ये महावसूली अघाड़ी है। शिवसेना सचिन वझे को इसलिए बचा रही है कि कहीं सच्चाई न बाहर आ जाए। वझे कहीं सब सच न बोल दे उसके लिए उसका समर्थन, जेल जाने के बाद भी शिवसेना नेता कर रहे थे। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री 11 मार्च को कहते हैं कि सचिन वझे ओसामा बिन लादेन नहीं है। वझे की गिरफ्तारी के बाद 14 मार्च को संजय राउत कह रहे हैं कि एक होनहार, काबिल, कामयाब, इंटेलिजेंस इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को तकलीफ दी जा रही है।
जानें यह भी
- परिवहन मंत्री अनिल परब ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता पिछले दो दिनों से यह बयान दे रहे हैं कि एक और विकेट गिरने वाला है। इसका मतलब उन्हें और सरकार को बदनाम करने के पीछे भाजपा का हाथ है। मीडिया से चर्चा करते हुए परब ने कहा कि उनकी आड़ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को टारगेट किया जा रहा है। बता दें कि परब पर दो आरोप हैं-पहला सैफी बुरहानी ट्रस्ट से संबंधित है। दूसरा महानगर पालिका की 50 ठेकेदार कंपनियों से वसूली। हालांकि परब दोनों ही मामलों में खुद को दूर बताते हैं। वे कहते हैं कि वे नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हैं।
- यह भी बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर में अनिल देशमुख पर लगाए आरोपों की जांच करने सीबीआई टीम मुंबई में है। वझे ने अपने बयान में कहा था कि इस वसूली कांड की जानकारी अनिल देशमुख के पीए को थी। NCP चीफ शरद पवार ने उनकी बहाली का विरोध किया था। वझे ने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाइन की थी। शरद पवार ने उन्हें दोबारा सस्पेंड करने को कहा था। अनिल देशमुख ने पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए मांगे थे। चूंकि वो इतनी बड़ी रकम नहीं दे सका, इसलिए पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में कर दी गई।