सार
आम्रपाली मामले (Amrapali Case) में सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स को कड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन होम बायर्स का आम्रपाली प्रोजेक्ट के दौरान पेमेंट बकाया रह गया था वे अपना बकाया 30 अक्टूबर तक जमा कर दें नहीं तो उनका फ्लैट कैंसिल कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली. आम्रपाली मामले (Amrapali Case) में सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स को कड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन होम बायर्स का आम्रपाली प्रोजेक्ट के दौरान पेमेंट बकाया रह गया था वे अपना बकाया 30 अक्टूबर तक जमा कर दें नहीं तो उनका फ्लैट कैंसिल कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद इस प्रोजेक्ट के बकाएदारों में हड़कंप मच गया है। होम बायर्स के वकील एमएल लाहोटी ने बताया कि अदालत में कोर्ट रिसीवर की ओर से डीटेल पेश की गई है। जिन होम बायर्स का बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट के हिसाब से डिमांड के मुताबिक पैसा बकाया रह गया था, ऐसे होम बायर्स को सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर तक अपना बकाया पेमेंट जमा करने को कहा है। हालांकि ऐसे डिफाल्टर बायर्स की सीमित संख्या है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से कहा है कि वह बताए कि कंसोर्टियम ऑफ बैंक के फाइनेंस के मामले में उनका कोई रेग्युलेशन है या नहीं ? कंसोर्टियम ऑफ बैंक द्वारा आम्रपाली प्रोजेक्ट में फंडिंग करने का प्रस्ताव कोर्ट रिसीवर ने पेश किया था और इस बारे में आरबीआई को भी लिखा गया था। RBI ने अपने जवाब में कहा था कि बैंक स्वतंत्र हैं और वह फंडिंग कर सकते हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स की संपत्ति बेचने की मांग
आम्रपाली बॉयर्स के वकील लाहौटी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी ओर से पूरा ब्यौरा पेश किया गया और बताया गया कि प्रोजेक्ट के डायरेक्टर्स ने होम बॉयर्स के पैसे से जो संपत्ति बनाई है उसे बेचा जाना चाहिए। लाहोटी ने कोर्ट को ब्यौरा पेश किया और बताया कि 23 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने डीटेल आदेश पारित किया था। इसके तहत बताया गया था कि होम बॉयर्स का 5619 करोड़ रुपये अलग-अलग तरीके से डायवर्ट हुआ है। कुल 46456 यूनिट एनबीसीसी को बनाना है। फंड की कमी है। एनबीसीसी को 8 हजार 16 करोड़ रुपये चाहिए। होम बॉयर्स के पास 3870 करोड़ का बकाया हैं।
पैसे की रिकवरी कैसे हो इस पर चल रहा मंथन
अभी तक सामने आए तथ्यों के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा ने 2996 करोड़ डायवर्ट किए हैं। साथ ही अन्य डायरेक्टर्स के नाम पर जो फंड डायवर्ट हुए हैं उनसे 912 करोड़ की रिकवरी होनी है। लाहौटी ने बताया कि कुल 5856 फ्लैट कम कीमत पर बेचा गया है। उसमें 321 करोड़ की रिकवरी है। साथ ही जो अनसोल्ड यूनिट और कमर्शल प्रॉपर्टी बेची जानी है उससे 2337 करोड़ आने हैं। पैसे की रिकवरी कैसे हो इस पर मंथन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में डीटेल में कोर्ट रिसिवर को एग्जामिन करने को कहा है। अब सुनवाई 5 अक्टूबर हो होगी।