सार

सोमवार की शाम को उनके निधन की सूचना आई तो उनको श्रद्धांजलि देने के लिए राजनैतिक विचारधाराओं की सारी सीमाएं मिट गईं और पक्ष-विपक्ष सभी शोक जताते दिखे।

Sushil Kumar Modi death: बिहार की राजनीति से एक कद्दावर नेता बिछड़ गया। राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली एम्स में सुशील कुमार मोदी ने अंतिम सांस ली। लोकसभा चुनाव के पहले कैंसर डिटेक्ट होने के बाद सुशील मोदी ने ट्वीटर पर जानकारी देने के साथ खुद को चुनाव प्रचार से अलग कर लिया था। वह पिछले एक महीना से एम्स के आईसीयू में थे। सोमवार की शाम को उनके निधन की सूचना आई तो उनको श्रद्धांजलि देने के लिए राजनैतिक विचारधाराओं की सारी सीमाएं मिट गईं और पक्ष-विपक्ष सभी शोक जताते दिखे।

जेपी आंदोलन से निकले...

सुशील कुमार मोदी की गिनती 1970 से राजनैतिक क्षितिज पर चमकने के लिए निकले जेपी के चेलों में होती रही। जेपी आंदोलन की देन सुशील कुमार मोदी पटना विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र रहे हैं। पटना विवि के बीएससी ऑनर्स बॉटनी के स्टूडेंट सुशील कुमार मोदी ने 1971 में छात्र राजनीति में कदम रखा। 1973 में वह विवि के छात्र संघ के महामंत्री चुने गए। यूथ राजनीति में कदम रख चुके सुशील कुमार मोदी, जेपी से प्रभावित हुए और जय प्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के आह्वान के बाद आंदोलन में कूद पड़े।

जेपी आंदोलन के बाद सुशील कुमार मोदी पूर्णकालिक राजनीति में कदम रखा। आरएसएस से जुड़ाव की वजह से वह बीजेपी संगठन के लिए काम करना शुरू कर दिए। करीब एक दशक के बाद 1990 में सुशील कुमार मोदी पहली बार पटना सेंट्रल से विधायक बने। तीन बार वह बिहार विधानसभा में पहुंचे। 1996 से 2006 तक सुशील कुमार मोदी बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। बिहार प्रदेश के बीजेपी प्रमुख रहने के अलावा सुशील मोदी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

2004 में पहली बार सांसद, फिर डिप्टी सीएम

साल 2004 में सुशील कुमार मोदी पहली बार भागलपुर से सांसद चुने गए। लेकिन अगले ही साल 2005 में इस्तीफा देकर विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए। वह नीतीश कुमार कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में वह राज्यसभा सांसद थे।

पत्नी प्रोफेसर

सुशील कुमार मोदी अपने पीछे एक भरापूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। सुशील मोदी की पत्नी जेसी जॉर्ज बिहार के एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं। दंपत्ति के दो बेटे हैं। एक का नाम उत्कर्ष तथागत और दूसरे का नाम अक्षय अमृतांशु है।

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