सार

तमिलनाडु में एक पति 80 हजार का गुजारा भत्ता सिक्कों में लेकर कोर्ट पहुंचा। जज ने फटकार लगाई और नोटों में भुगतान का आदेश दिया। राजस्थान में भी ऐसा ही मामला सामने आया था।

स्कूटी-बाइक खरीदते समय एक या दो रुपये के सिक्कों से भुगतान करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन तमिलनाडु के एक पारिवारिक न्यायालय में एक पति अपनी पत्नी को 80 हजार रुपये का गुजारा भत्ता एक और दो रुपये के सिक्कों में देने पहुंच गया। 

पति-पत्नी के अलग होने के बाद दुश्मनी आम बात है। शायद इस व्यक्ति ने अपनी पत्नी से बदला लेने के लिए सिक्कों में गुजारा भत्ता देने की कोशिश की। लेकिन जज ने उसकी चाल को विफल कर दिया और उसे नोटों में भुगतान करने का आदेश दिया। कोयंबटूर के रहने वाले 37 वर्षीय व्यक्ति को तलाक के मामले में अपनी पूर्व पत्नी को 2 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया था। 2 लाख में से 80 हजार रुपये वह एक और दो रुपये के सिक्कों में देना चाहता था। उसकी पत्नी ने पिछले साल तलाक के लिए अर्जी दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने उसे गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था।

यह व्यक्ति 80 हजार रुपये के सिक्के 20 बैग में भरकर कोर्ट पहुंचा। टैक्सी ड्राइवर होने के नाते वह इन बैगों को अपनी कार में भरकर लाया था। 18 दिसंबर को हुई इस घटना में जज ने उसे नोटों में भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके बाद वह 80 हजार रुपये के नोट लेकर कोर्ट पहुंचा और गुजारा भत्ता दिया। बाकी रकम वह बाद में देने को तैयार हो गया। 

जून 2023 में राजस्थान के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को 55 हजार रुपये का गुजारा भत्ता सिक्कों में दिया था। जयपुर के दशरथ नामक व्यक्ति को 11 महीने का गुजारा भत्ता नहीं देने पर गिरफ्तार किया गया था। सुनवाई के दिन उसके रिश्तेदार 7 बैग में एक और दो रुपये के सिक्के भरकर कोर्ट पहुंचे। दशरथ की पत्नी सीमा कुमावत के वकील ने तर्क दिया कि इतने सारे सिक्कों की गिनती करना मानसिक प्रताड़ना है। जज ने पति की हरकतों को देखते हुए खुद सिक्कों की गिनती करने का आदेश दिया और दशरथ को 1000 रुपये के 55 सेट बनाने को कहा। अगली सुनवाई में यह रकम सीमा को देने का निर्देश दिया गया।