सार
गुजरात सरकार ने सीतलवाड़ के आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने दंगा पीड़ितों के विश्वास का दुरुपयोग किया और निर्दोष लोगों को फंसाया।
Teesta Setalvad discharge plea rejected in Godhra related case: गुजरात दंगों के बाद साक्ष्य गढ़ने की आरोपी बनाई गई सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को आरोप मुक्त करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया गया है। गुजरात के अहमदाबाद सत्र न्यायालय ने तीस्ता सीतलवाड़ की अपील को खारिज कर दी। सीतलवाड़ को इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ अरेस्ट किया गया था। सेशन जज एआर पटेल ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार को की है।
गुजरात सरकार ने तीस्ता के आवेदन का किया विरोध
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए आर पटेल ने तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस खारिज किया। गुजरात सरकार ने सीतलवाड़ के आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने दंगा पीड़ितों के विश्वास का दुरुपयोग किया और निर्दोष लोगों को फंसाया।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट के 1 जुलाई के आदेश को रद्द करते हुए सीतलवाड को जमानत दे दी थी जिसमें उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीतलवाड 2 सितंबर, 2022 के अपने आदेश के अनुसार जमानत पर जारी रहेंगी।
तीस्ता सीतलवाड़ का मामला पूरा विस्तार से जानिए
तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को कथित तौर पर सबूत गढ़ने, जालसाजी करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीतलवाड़ को गुजरात के साबरमति जेल में रखा गया था। पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दिया था। इसके बाद वह जेल से बाहर आईं थी।
तीस्ता सीतलवाड़ पर 2002 में गुजरात में हुए दंगे के मामले में झूठे सबूत और फर्जी गवाह का इस्तेमाल कर निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप है। इस संबंध संबंध में गुजरात एटीएस ने FIR दर्ज किया था। FIR में आरोप लगाया गया है कि गवाहों के झूठे बयान तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा तैयार किए गए थे और दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग के समक्ष दायर किए गए थे। आरोप है कि तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार ने झूठे सबूत गढ़कर और निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठी और दुर्भावनापूर्ण आपराधिक कार्यवाही शुरू करके कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की साजिश रची थी।
एसआईटी ने कहा पीएम मोदी को फंसाने की भी रची साजिश
गुजरात दंगों में पीएम नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए सबूतों को गढ़ने के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश रची। उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 के गोधरा दंगों के संबंध में मौत की सजा दिलाने की साजिश की।
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