सार

टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बीते दिन शुक्रवार को ही पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उनका पार्टी में दम घुटने लगा था। वो ममता बनर्जी करीबी माने जाते थे, लेकिन अब उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद आरोप लगाया है कि इसकी बागडोर कॉर्पोरेट वालों के हाथ में हैं।

नेशनल डेस्क. टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बीते दिन शुक्रवार को ही पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उनका पार्टी में दम घुटने लगा था। वो ममता बनर्जी करीबी माने जाते थे, लेकिन अब उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद आरोप लगाया है कि इसकी बागडोर कॉर्पोरेट वालों के हाथ में हैं। इनसे पहले कई नेता टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए। 

बीजेपी नेताओं का दिनेश ने जताया आभार

दिनेश त्रिवेदी ने बीजेपी के सीनियर नेता और पार्टी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनका स्वागत बाहें फैलाकर किया। इसके साथ ही उनसे इसके बारे में एक बार भी कोई सवाल नहीं किया गया। लेकिन, अब वो स्थिर हो चुके हैं।

 

कौन हैं दिनेश त्रिवेदी

अगर दिनेश त्रिवेदी के बारे में बात की जाए तो उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1980 के दौर में कांग्रेस से की थी, लेकिन 1998 में जब ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की तो वो भी टीएमसी में आ गए और पार्टी के पहले महासचिव बनाए गए थे, टीएमसी में आने से पहले वो 1990 से 96 तक गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे। इसके बाद टीएमसी ने पश्चिम बंगाल से उन्हें राज्यसभा भेजा और वो 2002 से 2008 तक सांसद बने रहे। 

दिनेश त्रिवेदी 2009 में बैरकपुर से लोकसभा चुनाव लड़े और यहां से जीते भी थे। 2009 में उन्हें केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया। ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद दिनेश को 13 जुलाई, 2011 को देश का रेल मंत्री बनाया गया था। 

हालांकि, एक साल बाद ही ममता बनर्जी ने उन्हें रेल मंत्री पद से हटवा दिया था। ममता बनर्जी ने रेल बजट में यात्री किराए को बढ़ाए जाने के दिनेश त्रिवेदी के फैसले के विरोध में उन्हें रेल मंत्री से पद हटाया था। पिछले साल 3 अप्रैल 2020 को दिनेश त्रिवेदी को टीएमसी ने एक बार फिर राज्यसभा भेजा था।