सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। यह उत्तर प्रदेश के विकास में अहम रोल निभाएगा। पिछले सात साल में नेशनल हाईवे की लंबाई करीब 50 फीसदी बढ़ी है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन करेंगे। इसे उत्तर प्रदेश के विकास के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पिछले सात साल में तीन गुणा तेजी से नेशनल हाईवे का निर्माण हुआ है। पहले जहां एक दिन में 12 किलोमीटर लंबाई में सड़क का निर्माण होता था, 2020-21 में यह तीन गुणा से भी अधिक बढ़कर 37 किलोमीटर प्रति दिन हो गया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के पहले दिन से ही आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और कनेक्टिविटी पर बहुत अधिक ध्यान दिया है। कनेक्टिविटी पर पीएम के फोकस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2022-23 के बजट में 1.99 लाख करोड़ रुपए दिया गया है। यह अब तक का सबसे अधिक बजटीय आवंटन है।

50 फीसदी बढ़ी नेशनल हाईवे की लंबाई 
2013-14 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को करीब 30 हजार करोड़ रुपए मिला था। मंत्रालय को मिलने वाले बजटीय आवंटन में 550 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले सात साल में देश में नेशनल हाईवे की लंबाई में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। अप्रैल 2014 तक इसकी लंबाई 91,287 किलोमीटर थी जो 31 दिसंबर 2021 तक बढ़कर करीब 1,41,000 किलोमीटर हो गई। 

14,850 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है बुंदेलखंड एक्सप्रेस का निर्माण
पीएम मोदी ने 29 फरवरी 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इस एक्सप्रेस वे का काम 28 माह के भीतर पूरा हो गया है। इस 296 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे का निर्माण 14,850 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इस फोर लेन एक्सप्रेस वे को बाद में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। 

यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का बड़ा बयान, कहा- 22 साल पुराने IT कानूनों में खामियां, अब संशोधन का वक्त

एक्सप्रेस वे का विस्तार चित्रकूट जनपद के भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा जनपद के कुदरैल गांव तक है। यहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से मिल जाता है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। यहां स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा। एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है। एक्सप्रेस वे सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है।

यह भी पढ़ें- अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो जज और वकील 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते- जस्टिस यूयू ललित