इसे कहते हैं बेवजह मुसीबत मोल लेना। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे(Union Minister Narayan Rane) पर जन आशीर्वाद यात्रा और अपने थप्पड़ वाले बयान के बाद मुसीबत में फंस गए हैं। 

मुंबई. नासिक में कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकालने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पहले से ही महाराष्ट्र सरकार के निगाहों में चढ़े हुए थे, अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक बयान देने पर और संकट में फंस गए हैं। विवादास्पद बयान के बाद राणे पर पुणे के चतुर्श्रिंगी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई है। केस दर्ज होने के बाद नारायण राणे को गिरफ्तार कर देर रात मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने केंद्रीय मंत्री राणे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बीजेपी के प्रसाद लाड ने केंद्रीय मंत्री को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे जाने की पुष्टि की है। 

हालांकि, देर रात महाड कोर्ट में राणे के वकील ने बेल अप्लीकेशन मूव किया। मजिस्ट्रेट ने इस पर सुनवाई करते हुए बेल अप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया। महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को जमानत दे दी है। 

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बता दें कि राणे की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। चूंकि नारायण राणे केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद (Union Minister and Rajya Sabha MP Narayan Rane) हैं, इसलिए इस मामले की पूरी प्रक्रिया उप राष्ट्रपति को सूचित करने का आदेश में उल्लेख किया गया है। राणे के बयान के बाद सोमवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने नासिक में भाजपा पार्टी कार्यालय पर पथराव किया था और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ नारेबाजी की थी।

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भाजपा-शिवसेना आमने-सामने
राणे के बयान के बाद महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना आमने-सामने आ गए हैं। राणे के आवास की ओर प्रदर्शन करने जा रहे शिवसैनिकों की भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ंत हो गई। शिवसैनिकों ने मंगलवार को महाराष्ट्र के 17 शहरों में उग्र प्रदर्शन किया। 

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केंद्रीय मंत्री ने कहा- मैं कोई आम आदमी नहीं हूं 
पुलिस में FIR दर्ज होने के बाद नारायण राणे ने कहा-'मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मैं कोई आम आदमी नहीं हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। 15 अगस्त के बारे में कोई नहीं जानता, तो क्या यह अपराध नहीं है? मैंने कहा था कि मैं थप्पड़ मार देता- ये शब्द थे और यह अपराध नहीं है।

पूरे महाराष्ट्र का अपमान
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा-केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री के प्रति जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वो कान के नीचे थप्पड़ मारने की बात कर रहे हैं। ये पूरे महाराष्ट्र का अपमान है। क़ानून से बड़ा कोई नहीं और निश्चित रूप से क़ानूनी कार्रवाई होगी।

पहले जानें मुख्यमंत्री के बारे में क्या कहा था
 सोमवार को रायगढ़ में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था- यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि यह स्वतंत्रता दिवस की कौन सी वर्षगांठ है। उन्होंने 15 अगस्त को स्पीच के दौरान पीछे खड़े लोगों से पूछा कि आजादी को कितने साल हो गए। अगर मैं वहां होता तो उनको जोरदार थप्पड़ मार देता। इस बयान के बाद उनकी गिरफ्तारी के आसार बन गए हैं।

महाराष्ट्र सरकार पहले से ही नाराज
महाराष्ट्र सरकार नासिक कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकालने पर पहले से ही नाराज है। उनके खिलाफ नासिक में FIR दर्ज की गई है।केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे की यात्रा पर अभी तक 42 केस आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। ये एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज की गई हैं। बता दें कि केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे मुंबई में जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर केन्द्र सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी जनता को दे रहे थे।

मेयर ने यात्रा को बताया छल
वहीं, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को छल बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा और कुछ नहीं बल्कि छल की यात्रा है। लोग देख रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं और सही समय में जनता अपना 'आशीर्वाद' देगी। अगर बीजेपी वाले वास्तव में काम करना चाहते हैं, तो उन्हें लोगों के लिए COVID-19 की वैक्सीन उपलब्ध कराने चाहिए। 

शिवाजी पार्क भी गए थे राणे
जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे, शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की समाधि पर गए थे और पुष्प अर्पित किए थे जिसके बाद शिवसैनिकों ने उस स्थान का दूध और गोमूत्र से शुद्धिकरण किया था।

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