सार

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से फर्जी सूचनाओं और अन्य तरीकों से गलत सूचना को अगले स्तर पर ले जाया जा सकता है। इंटरनेट शटडाउन गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए है।

 

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश के लिए गलत सूचना का प्रसार सबसे बड़ा जोखिम है। मिसइंफार्मेशन बेहद खतरनाक है। एआई के आने से गलत सूचनाओं के प्रसार को नेक्स्ट लेवल तक ले जाया जा सकता है। इसे और खतरनाक तरीके से सही बताया जा सकता। इंटरनेट शटडाउन हमेशा से आखिरी विकल्प होता है। यह भारत के लिए भी अनोखा नहीं है।

एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म होने के बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद कर दिया था। जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में भी आंशिक रूप से इंटरनेट ब्लैकआउट है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से फर्जी सूचनाओं और अन्य तरीकों से गलत सूचना को अगले स्तर पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट शटडाउन गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए है।

तकनीक ने कई चीजें आसान कर दी

सबसे सफल पेमेंट मेथड, यूपीआई का उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कैसे सरकार इस मिथक को तोड़ने में सक्षम रही है कि तकनीक महंगी है। अब देश-दुनिया में लाखों लोग एक रुपया से लेकर हजारों रुपये तक के सामान की खरीदी कर यूपीआई से पेमेंट कर रहे हैं। हर रोज करोड़ों की लेनदेन यूपीआई से हो रहे हैं। यूपीआई ने सरकारी बेनेफिट्स पहुंचाने में होने वाली लीक को बंद कर दिया है। इससे पहले 100 रुपये दिल्ली से निकलते थे और केवल 15 रुपये ही लोगों तक पहुंचते थे। यह इसलिए पूरी प्रक्रिया में बेहद भ्रष्टाचार था। 

उन्होंने कहा कि अब हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की योजना बना रहे हैं। इससे पब्लिक सर्विस आसान होगा। यह तकनीक पब्लिक सर्विस सिस्टम को देश के अंतिम व्यक्ति तक आसान पहुंच बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। 

यह भी पढ़ें:

Jobs: पीएम मोदी 51000 अप्वाइंटमेंट लेटर्स इस दिन बांटेंगे, जानिए पूरा डिटेल