सार

हरियाणा बीजेपी इंचार्ज अरूण यादव ने ट्वीट कर बताया है कि पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की बहू ( Mulayam Singh Yadav's daughter-in-law) अपर्णा यादव बुधवार को दस बजे सुबह बीजेपी ज्वाइन करेंगी। 

नई दिल्ली। यूपी की राजनीति में एक बार फिर नया भूचाल आने वाला है। योगी सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों समेत कई विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के झटके से उबरने के लिए बीजेपी (BJP), सपा सुप्रीमो के घर के सदस्य को पार्टी में शामिल कराने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) बुधवार को बीजेपी में शामिल होंगी। बीजेपी हरियाणा बीजेपी प्रभारी अरूण यादव (Arun Yadav) ने ट्वीट कर खलबली मचा दी है। 

क्या है ट्वीट में?

हरियाणा बीजेपी इंचार्ज अरूण यादव ने ट्वीट कर बताया है कि पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की बहू ( Mulayam Singh Yadav's daughter-in-law) अपर्णा यादव बुधवार को दस बजे सुबह बीजेपी ज्वाइन करेंगी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पार्टी कार्यालय पर इस दौरान मौजूद रहेंगे जब अपर्णा यादव को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी। 

कौन हैं अपर्णा यादव?

अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं। वह उनके दूसरे बेटे प्रतीक यादव (Pratik Yadav) की पत्नी हैं। अपर्णा के पिता अरविंद सिंह बिष्ट (Arvind Singh Bisht) सीनियर जर्नलिस्ट हैं। वह राज्य सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं। अपर्णा लखनऊ से ही विधानसभा का टिकट भी मांग रही हैं। प्रतीक यादव, सपा अध्यक्ष पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सौतेले भाई हैं। 

समाजवादी पार्टी के लिए होगा बड़ा झटका

मुलायम परिवार की बहू अपर्णा यादव का बीजेपी में शामिल होना सपा के लिए एक झटका माना जा रहा है। दरअसल, बीजेपी अपने तीन-तीन मंत्रियों और कई विधायकों के समाजवादी पार्टी में जाने से लगे झटके से हुए नुकसान का डैमेज कंट्रोल करना चाहती है। भाजपा, मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव के बहाने सपा पर हमलावर होकर जनता में परिवार के फूट का संदेश देना चाहती है। 

यूपी में बीजेपी के लिए चुनौती बने अखिलेश

दरअसल, मुलायम सिंह यादव के बेटे पूर्व सीएम अखिलेश यादव यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए अहम चुनौती बनकर उभरे हैं। उन्होंने कई विपक्षी दलों - ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा का समर्थन भी अर्जित किया है-जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम यूपी में अखिलेश यादव को जहां राष्ट्रीय लोकदल का साथ मिला है वहीं पूर्वांचल में सुभासपा उनके साथ है। वहीं, उनके चाचा शिवपाल यादव की भी नाराजगी दूर हो चुकी है। 
ऐसे में अपर्णा यादव के प्रतिद्वंद्वी पार्टी में शामिल होने से समाजवादी पार्टी पर बीजेपी तीखे हमले कर सकेगी।

अपर्णा विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं

अपर्णा यादव साल 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। वह लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ी थी लेकिन जीत नहीं सकी थीं। वह एक सामाजिक संस्था बावेयर (bAware) चलाती हैं जो महिलाओं के मुद्दों के लिए काम करती है।
बता दें कि यूपी में सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान; नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

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