सार
पुलिस ने कर्नाटक के व्हाइटफील्ड में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 72 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। दो कैंपस से पुलिस ने 138 कंप्यूटर और साइबर क्राइम की सामग्री जब्त की है।पुलिस आरोपियों से अब तक की गई ठगी की रकम के संबंध में पूछताछ कर रही है।
नई दिल्ली। कर्नाटक के व्हाइटफील्ड और महादेवपुरा पुलिस ( Whitefield Police and Mahadevapura Police) की एक संयुक्त टीम ने व्हाइटफील्ड इलाके में गुरुवार रात 7 जुलाई की रात दो फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया। तलाशी के दौरान कुल 72 कॉलर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यहां से 138 कंप्यूटर भी जब्त किए गए है । इस ज्वाइंट ऑपरेशन में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर व्हाइटफील्ड की निर्देशन में अंजाम दिया गया। संयुक्त टीमों ने व्हाइटफील्ड में एथिकल इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड ( Ethical infotech Private Limited) और गायत्री टेक पार्क ( Gayathri Tech Park) नाम के 2 कैम्पस की पूरी तलाशी ली।
संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को बनाते थे निशाना
फर्जी कॉल सेंटरों द्वारा चलाए जा रहे संगठित साइबर धोखाधड़ी की जांच के लिए तलाशी ली गई। जांच में पता चला कि अहमदाबाद, गुजरात के दो किंगपिन यूथ ग्रेजुएट को कॉलर के रूप में काम करने के लिए अपॉइंट कर रहे थे। उन्हें ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से काम पर रखा गया था। इन कॉलर्स ने मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका ( United States) के लोगों की खातों पर निशाना बनाते थे। ये कॉलर्स टेक्सट और वॉयस मेल जैसे तरीकों का उपयोग करके लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे। ये कॉलर्स यूएस के कुछ यूजर्स को उनके बैंक अकाउंट में धोखाधड़ी होने की बात कहते हुए अकाउंट डिटेल ले लेते थे, इसके बाद खाते से रकम उड़ा देते थे।
डिजिटल अकाउंट कर देते थे खाली
आरोपी पैसे निकालने के लिए अमेज़ॅन गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी और वायर ट्रांसफर जैसे अनट्रेसेबल मनी ट्रांसफर ऐप का इस्तेमाल किया करते थे। दरअसल ये कॉलर्स मोबाइल बैकिंग का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को उनके साथ धोखाधड़ी होने की झूठी रिपोर्ट देते थे। पीड़ित जब इस संबंध में मामले को सुलझाना चाहते थे तो उनसे निजी और गोपनीय जानकारियां निकाली जाती थी। इसके बाद उनके अकाउंट से जुड़ी जानकारी लेकर अकाउंट खाली कर दिया जाता था।
विभिन्न धाराओं के तहत की गई कार्रवाई
पीड़ितों की शिकायत पर डि व्हाइटफील्ड डिवीजन, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 454 और 455/2022 के तहत आईटी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी और भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
ये भी देखें :
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा, दस हजार से अधिक श्रद्धालु फंसे, अफरातफरी
शिंजो आबे को मैंने इसलिए मारा...हत्यारे ने जब बताई वजह तो जापानी रह गए शॉक्ड, किशिदा भी हैरान